हेल्थ डेस्क: डॉक्टर्स जिन्हें भगवान के बराबर का दर्जा दिया गया है। माना जाता है कि वह सिर्फ आपके देखकर ही आपकी आधी से ज्यादा बीमारी पकड़ लेते है। वहीं आज के समय में माना जाता है कि बीमारियां इतकनी ज्यादा बढ़ गई है कि डॉक्टर्स के पास इतना समय नहीं होता है कि आपको आराम से देख सके।
हाल में ही एक अध्ययन हुआ जिसमें कुछ चौकाने वाले तथ्य सामने आएं। यह तथ्य सिर्फ भारत ही नहीं कुछ अन्य देशों को लेकर भी किए गए थे। इस अध्ययन के अनुसार भारत में डॉक्टर मरीजों को औसतन महज दो मिनट ही देखते हैं । एक नये वैश्विक अध्ययन में यह कहा गया है। जानिए और देशों के बारें में क्या निकलकर आया सामने।
इसमें कहा गया है कि दुनिया की आधी आबादी के लिए प्राथमिक चिकित्सा परामर्श पांच मिनट से भी कम का होता है जो कि बांग्लादेश में 48 सेकेंड और स्वीडन में 22.5 मिनट है।
ब्रिटेन की चिकित्सा पर आधारित पत्रिका बीएमजे ओपन में कहा गया है कि भारत में प्राथमिक चिकित्सा परामर्श का समय 2015 में दो मिनट था, जबकि बगल के पाकिस्तान में 2016 में यह महज 1.79 मिनट का रहा।
पत्रिका में शोधकर्ताओं ने लिखा है , ‘‘कम परामर्श समय मरीज के खराब स्वास्थ्य नतीजे से जुड़ा है और डॉक्टरों को जूझने के लिए ज्यादा जोखिम हो जाता है।’’
दुनिया भर में प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधा की मांग बढ़ने से परामर्श के समय पर दबाव बढ़ रहा है।
मरीजों और स्वास्थ्य सुविधा तंत्र पर संभावित असर का पता लगाने के लिए शोधकर्ताओं ने 178 संबंधित अध्ययनों से परामर्श समय की समीक्षा की जिसमें 67 देशों और 2.85 करोड़ से ज्यादा परामर्श को समेटा गया है।
ये भी पढ़ें:
Latest Lifestyle News