हेल्थ डेस्क: आंत में मौजूद जीवाणु के कारण लोगों को टाइप टू मधुमेह और मोटापे की समस्या हो सकती है और इस वजह से उन्हें अवसाद और बेचैनी हो सकती है।
अमेरिका के हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के अनुसंधानकर्ताओं के अध्ययन में यह बात सामने आयी कि अधिक वसा वाला पदार्थ खाने वाले चूहे में मानक भोजन खाने वाले पशुओं की तुलना में बेचैनी, अवसाद के लक्षण अधिक प्रबल हो जाते हैं।
अमेरिका के जोसलिन मधुमेह केंद्र के सी. रोनाल्ड काह्न ने कहा कि अगर अधिक वसा वाले खाने के साथ प्रतिजैविक दी जाए तो सारे व्यवहार बिल्कुल बदल जाते है।
काह्ल ने कहा, ‘‘इन्डोक्राइनोलॉजिस्ट के तौर पर हम प्राय: सुनते हैं कि दूसरे तरह का खाना खाने के बाद लोगों को अलग तरह का लगता है।
उन्होंने कहा, ‘‘इस अध्ययन के अनुसार कई ऐसी चीजें हैं जो हमारे दिमाग के कामकाज के तरीके को प्रभावित करती हैं लेकिन खाने से आंत के जीवाणुओं में भी परिवर्तन होता है।’’
‘मोलेकुलर साइकियाट्री’ जर्नल में इस अध्ययन का प्रकाशन किया गया है।
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