नई दिल्ली: यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया सैन फ्रांसिस्को (यूसीएसएफ) में अमेरिकी वैज्ञानिकों ने मस्तिष्क की गतिविधि में एक नया पैटर्न पाया है, जो अवसाद जैसे मनोदशा से जुड़े विकारों के इलाज में भविष्य में नई उपचार पद्धतियां विकसित करने में मददगार हो सकता है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, मनोदशा संबंधित विकारों पर अधिकांश मानव मस्तिष्क अनुसंधान ऐसे अध्ययनों पर निर्भर होता है, जिसमें शामिल भागीदार एक सक्रिय चुंबकीय रेसोनेंस इमेजिंग (एफएमआरआई) स्कैनर में डाले जाते हैं।
लेकिन यूसीएसएफ के वील इंस्टीट्यूट फॉर न्यूरोसाइंसेस के वैज्ञानिकों ने मिरगी के 21 मरीजों को अपने शोध में शामिल किया, और उनके मस्तिष्क की सतह पर और मस्तिष्क की अंदरूनी संरचना में सात से 10 दिनों के लिए 40 से 70 इलेक्ट्रोड लगाए, ताकि मस्तिष्क की गतिविधियां रिकॉर्ड की जा सकें।
कंप्यूटेशनल एल्गोरिदम के इस्तेमाल के जरिए उन्होंने मस्तिष्क की गतिविधि के पैटर्न का मरीजों की मनोदशा में आए बदलावों का मिलान कराया और तथाकथित आंतरिक समेकन नेटवर्क की पहचान के लिए प्रत्येक मरीज में मस्तिष्क की गतिविधि की रिकॉर्डिग का विश्लेषण किया।
शोधकर्ताओं ने पाया कि मस्तिष्क नेटवर्क की गतिविधि में आए बदलाव अवसादग्रस्त मनोदशा से अत्यधिक रूप से जुड़े हुए थे।
इस तरह के एक सूचनापरक बायोमार्कर के निष्कर्ष से वैज्ञानिकों को अवसाद जैसी मनोदशा से जुड़ी बीमारियों के इलाज में नई उपचार पद्धतियां विकसित करने में भविष्य में मदद मिल सकती है। शोध के ये निष्कर्ष इस सप्ताह के प्रारंभ में सेल नामक पत्रिका में प्रकाशित हुए थे।
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