बेहद खतरनाक है क्रॉस लेग पोजीशन में बैठना, जानिये क्यों
नई दिल्ली: अक्सर बैठते समय हम ध्यान नहीं देते कि हम किस पोजीशन में बैठ रहे है हम किसी भी प्रकार से पैरों को मोड़ कर बैठ जाते हैं जो हमारी सेहत के लिए बिल्कुल
गर्दन कन्धे तथा पीठ तथा टाँगो में दर्द के निम्न कारण
1. यह रोग उन लोगों को अधिक होता है जो सारा-दिन बैठकर पढने-लिखने, सिलाई, बुनाई, कशीदाकारी या कोई ऐसा काम करते है, जिसमें गर्दन तथा कमर प्रायः झुकी रहती है। जो स्त्रियाँ बिना आराम किये घंटों भर झुककर घर का कामकाज करती है तथा शारीरिक शक्ति से अधिक काम करती है, वे इन रोगों से अवश्य पीड़ित होती है।
2. वजन बढ़ने से भी ये रोग हो जाते है क्योंकि इससे रीढ़ की हड्डी पर अधिक बोझ पड़ जाता है जिसे हड्डियाँ तथा मांसपेशियां सहन नही कर पाती। डाक्टरो का विचार है कि अगर आपका वजन वांछित वजन से 25 किलो अधिक है तो इसका अभिप्राय है कि आप दिन-रात 25 किलो या अतिरिक्त बोझ उठाए रखते है।
3. ये रोग उन लोगों को भी हो सकते है जिन्हे गठिया होता है या फिर जिन लोगो की हड्डियां कमजोर पड़ जाती है। कई व्यक्तियों की मांसपेशियों की परस्पर पकड़ भी ढीली पड़ जाती है।
4. जो लोग सैर या व्यायाम बिल्कुल नही करते तथा सारा दिन कुछ न कुछ खाते रहते है। पेट में अधिक गैस बनने से भी प्रायः अधिक कष्टजनक हो जाते है।
5. संतुलित भोजन न लेना, भोजन मे पूरी मात्रा में खनिज तथा विटामिन, खास कर विटामिन डी (सुबह की धूप) न लेना अधिक मात्रा में चीनी तथा बहुत मिठाइयां खाना इत्यादि।
6. टेढे-मेढे हो कर सोना, हमेशा ढीली चारपाई या लचकदार बिछौना पर सोना, आरामदेह सोफों तथा गद्देदार कुर्सी पर घंटों भर बैठे रहना, ऊंचा सिरहाना तकिया लेना तथा टेढा मेढा होकर बैठना भी इन रोगों का एक मुख्य कारण है।
7. जो स्त्रियां ऊंची ऐड़ी वाले जूते डालती है उन्हें भी प्रायः कमर एवं एड़ियों का दर्द हो जाता हैं।
8. कई व्यक्तियो की रीढ़ की हड्डी में जन्म से भी कोई विकार होता है, दुर्घटना के समय रीढ़ की हड्डी पर चोट लगने या दबाब पड़ने के कारण उसी समय से या फिर कुछ दिनों, महीनों या वर्षो बाद ऐसे दर्द शुरू हो जाते है।
9. गलत ढंग से बैठ कर कोई वाहन चलाने से भी गर्दन तथा कमर का दर्द हो जाता है।