हेल्थ डेस्क: सर्दियों में जुकाम और खांसी की समस्या होना आम है, लेकिन अगर खांसी ने आपको अपना शिकार बनाया है तो थोड़ा सतर्क हो जाएं। बहुत ज्यादा दिनों तक रहने वाली खांसी आगे चलकर बहुत घातक हो सकती है। इस तरह की खांसी ब्रोंकाइटिस, न्यूमोनिया, टीबी या फिर फेफड़ों में कैंसर का संकेत हो सकती हैं। इन लक्षणों को पहचानना जरूरी है और फिर उस हिसाब से उसका इलाज करवाने की जरूरत है।
एसिड रिफ्लेक्स कफ
जब एसिड पेट से फूड पाइप की ओर चला जाता है। तब तेज और लगातार खांसी आती है और आवाज भी भारी होने लगती है। इस अवस्था में रात में सोते समय खांसी काफी बढ़ जाती है। गले में कुछ अटकने सा आभास होता रहता है और मुंह में कड़ॉवापन रहता है।
ब्रोंकाइटिस कफ
हमारी सांस नली फिर इससे जुड़ी शाखाओं में संक्रमण या फिपर एलर्जी की वजन से सूजन हो जाती है। इससे श्वांस संबंधी समस्याओं होने लगती हैं। इसे ब्रोंकाइटिस कहा जाता है। जब खांसी के साथ गाढ़ा व हरे रंग का बलगम निकलना शुरू हो जाता है और सांस फूलने लगे तो यह ब्रोंकाइटिस कफ का लक्षण होता है।
कारण और इलाज
भोजन नलिका के नीचे एक वॉल्व होता है। यह वॉल्व जब अच्छी तरह से बंद नहीं हो पाता है तब एसिड वापस गल की ओर आने लगता है जो खांसी का कारण तो बनता ही है। साथ ही साथ सीने में जलन भी महसूस होती है। इसके अलावा फूड पाइप की सतह काफी संवेदनशील होती है। एसिड की वजह से उलझन होने लगती है। इस वजह से भी खांसी आती है। इसलिए गरिष्ठ भोजन, कैफीन और एसिड बनाने वाले खाने से परहेज करना चाहिए।
डॉक्टरों के अनुसार, ब्रॉकाइटिस खांसी बैक्टीरिया इंफेक्शन, वायु प्रदूषण और ध्रूमपान की वजह से होता है। इससे बचने के लिए धूम्रपान की वजह से होता है। इससे बचने के लिए धूम्रपान तुरंत बंद कर दें और खूब पानी पिएं ताकि बलगम आसानी से निकल सके।
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