चाहिए स्मार्ट बच्चा, तो प्रेग्नेंसी के समय खाएं ये चीज
अगर गर्भवती महिलाएं औसतन छह या सात बार फल या फलों का जूस रोजाना लेती हैं तो उनके बच्चे का एक साल की उम्र में आईक्यू उसे नापने वाले स्केल में 6 या 7 अंक अधिक होता है।
हेल्थ डेस्क: हर माता -पिता की यरह चाहत होती है कि उनका बच्चा सबसे स्मार्ट हो। फिर चाहे वह खूबसूरती की बात हो या उसके बुद्धिमान होने की। एक शोध में ये बात सामने आई कि अगर प्रेग्नेंसी के समय हर काम होने वाले बच्चे में अधिक प्रभाव डालता है। अगर आप चाहते है कि आपके बच्चे का आईक्यू स्तर अच्छा हो तो अधिक से अधिक फल का सेवन करें।
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एक अध्ययन से यह खुलासा हुआ है। इस अध्ययन के निष्कर्षो में बताया गया है कि अगर गर्भवती महिलाएं औसतन छह या सात बार फल या फलों का जूस रोजाना लेती हैं तो उनके बच्चे का एक साल की उम्र में आईक्यू उसे नापने वाले स्केल में 6 या 7 अंक अधिक होता है।
कनाडा के अलबर्टा यूनिवर्सिटी के मुख्य शोधकर्ता पीयूष मंधाने ने बताया, "हमने पाया है कि संज्ञानात्मक विकास के बारे में इससे सबसे अधिक पता चलता है कि गर्भावस्था के दौरान बच्चे की मां ने कितना फल खाया है। जितना ज्यादा फल मां खाती हैं उतना ही उनके बच्चे का संज्ञानात्मक विकास अधिक होता है।"
शोधदल ने 688 बच्चों के आंकड़ों का अध्ययन कर यह निष्कर्ष निकाला है। इसमें पाया गया कि जो मांएं गर्भावस्था के दौरान ज्यादा फल खाती हैं उनके बच्चे एक साल की उम्र में विकासात्मक परीक्षण पर बेहतर प्रदर्शन करते हैं।
यह शोध इबियोमेडिसिन जर्नल में प्रकाशित हुआ है। मंधाने कहते हैं, "हमें यह जानकारी पहले से है कि गर्भाशय में बच्चा जितना ज्यादा समय तक रहता है उसका विकास उतना ही ज्यादा होता है और इसके साथ अगर मां रोजाना लिए जाने फलों की मात्रा को बढ़ा दे तो बच्चों को वही लाभ मिलता है जो उसे गर्भाशय में एक हफ्ते अधिक रहने को मिलता।"
इस शोध के दौरान अपने निष्कर्षो को और विकसित करने के लिए मंधाने ने सहशोधार्थी फ्रेंकोइस बोल्डुक के साथ मिलकर काम किया जो मनुष्यों और फलों पर मंडराने वाली मक्खियों की अनुभूति के आनुवांशिक आधार पर शोध करते हैं।
बोल्डुक बताते हैं, "मक्खियां मनुष्यों से काफी अलग होती हैं। लेकिन आश्चर्यजनक रूप से उनके 85 फीसदी जीन वही होते हैं जो मनुष्यों के मष्तिष्क की कार्यप्रणाली के लिए जिम्मेदार होते हैं। इसके कारण स्मृति की अनुवांशिकी को समझने के लिए ये मक्खियां काफी काम की साबित होती हैं।"
इस शोध के दौरान यह पाया गया कि जिन मक्खियों को गर्भावस्था के दौरान अधिक फलों का जूस मिला उनके पैदा होने के बाद उनमें याद्दाश्त की क्षमता अधिक देखी गई, जबकि मंधाने द्वारा एक साल के बच्चों पर किए गए शोध में भी यही नतीजे देखने को मिले थे।