नई दिल्ली: आज के समय की बात करें तो ऐसा समय है कि हर काम गूगल में ही समेट कर रह गया है। जिसके कारण हर व्यक्ति का सबसे ज्यादा समय कम्प्यूटर के सामने ही बीतता है। जिसके कारण कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
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लेकिन आप जानते है कि कम्प्यूटर का ज्यादा इस्तेमाल करने से आपकी याददाश्त भी कमजोर हो सकती है। एक अध्य्यन में यह बात सामने आई। इसका असर सबसे ज्यादा बुजुर्गों पर हो रहा है।
कम्प्यूटर के इस्तेमाल और दिमाग को सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय रखने से वृद्धजनों में याददाश्त संबंधी समस्याएं विकसित होने का खतरा कम करने में मदद मिल सकती है। यह बात एक नए अध्ययन में सामने आई है। अमेरिका में मायो क्लीनिक के अनुसंधानकर्ताओं ने 70 साल और उससे अधिक आयु के 1,929 लोगों पर नजर रखी।
अध्ययन शुरू करने से पहले इसमें भाग लेने वाले लोगों की याददाश्त और सोचने की क्षमता सामान्य थी। इसके बाद इन लोगों पर करीब चार साल तक नजर रखी गई।
अनुसंधानकर्ता यह पता लगाना चाहते थे कि क्या अध्ययन में भाग लेने वाले उन लोगों में संज्ञानात्मक क्षमता में मामूली कमी शुरू होने का खतरा अपेक्षाकृत कम है, जो सप्ताह में कम से कम एक बार मानसिक गतिविधियों में शामिल रहते हैं।
अध्ययन में पाया गया कि जिन लोगों ने प्रति सप्ताह एक दिन या इससे अधिक बार कम्प्यूटर का इस्तेमाल किया उनमें ऐसा नहीं करने वाले लोगों की तुलना में याददाश्त एवं सोचने संंबंधी समस्याएं विकसित होने की 42 फीसद कम संभावना थी।
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