हेल्थ डेस्क: हर किसी को मीठा खाना बहुत ही ज्यादा पसंद होता है। फिर चाहे वह बच्चा हो या फिर बड़ा। हर किसी का पेट भरा होने के बाद भी उसके सामने मीठा रख दिया जाएं, तो वह आसानी से खा लेता है। जैसे हर चीज को खाने की मात्रा होती है उसी तरह मीठा खाने की भी मात्रा होती है।
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अगर आपने ऐसा नहीं किया तो आपको शुगर जैसी कई बीमारियां हो जाती है। हाल में ही एक रिसर्च की गई है। जिसमें ये बात सामने आई कि छोटे बच्चे अपने लिए जरुरी चीनी की मात्रा से ज्यादा ले रहे है। जिसके कारण उन्हें मोटापा, वजन घटना-बढ़ने की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। यह रिसर्च भारतीय मूल के शोधकर्ता ने की है।
'डेली मेल' ने इम्पीरियल कॉलेज लंदन में प्रोफेसर नीना मोदी के हवाले से कहा, ''इस सर्वेक्षण के नतीजे बहुत ही चिंताजनक है। ऐसे में जब दस साल के हर तीन बच्चों में से एक बच्चा मोटापे और ज्यादा वजन का शिकार है और पांच साल हर तीन बच्चों में से एक में दंतक्षय की समस्या है, ऐसे में चीनी सेवन से निपटने की विफलता से स्वास्थ्य को गंभीर खतरा है।''
यह सर्वेक्षण 1,288 वयस्क और 1,258 बच्चों पर किया गया, जिन्होंने तीन या चार रोज पूरा भोजन किया था। अध्ययन में यह बात सामने आई कि चार से 10 साल के बच्चों, जिन्होंने 100 मिलीलीटर मीठा पेय पदार्थ औसतन हर रोज पीया, उनकी रोजाना कैलोरी की खपत 13 प्रतिशत निकली, जो निर्धारित की गई पांच प्रतिशत की मात्रा से दोगुनी थी।
इसी तरह 11 से 18 साल वालों के हर रोज के आहार में 15 प्रतिशत चीन वाली वस्तुएं शामिल रहीं जो उसकी निर्धारित मात्रा से तिगुनी थी। वयस्क 19 से 64 साल वालों में भी ज्यादा चीनी की खपत देखी गई उनके आहार में 12 प्रतिशत चीनी वाली वस्तुएं शामिल रहीं।
अध्ययन में यह भी देखा गया कि पांच साल उम्र वाले हर पांच में एक और 11 साल की उम्र वाले हर तीन में एक बच्चा मोटापे या ज्यादा वजन से पीडि़त है। चार से 10 साल के बच्चों में हर रोज के आहार का 13 प्रतिशत कैलोरी का भाग संतृप्त वसा से आता है।
अध्ययन बताता है कि ज्यादा वजन और मोटापे वाले बच्चे के आगे चलकर मोटापे और ज्यादा वजन वाले वयस्क में बदलने की संभावना है। इससे दिल के रोगों और टाइप-2 मधुमेह आदि का खतरा बढ़ जाता है।
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