नई दिल्ली: कार्बोहाइड्रेट से भरपूर भोजन लेने वाले लोगों की जिंदगी वसादार भोजन खाने वालों की तुलना में छोटी हो सकती है। प्रॉसपेक्टिव अर्बन रूरल एपिडीमिऑलजी (पीयूआरई) के अध्ययन ने उस परंपरागत धारणा को भी तोड़ा है कि वसा वाले भोजन के सेवन से रक्त कोलस्ट्रोल का स्तर नियंत्रण में रहता है और हृदयाघात का खतरा घटता है।
अध्ययन में कहा गया है कि 'गुणवत्तापूर्ण भोजन' लेने वालों को कम गुणवत्ता वाले भोजन लेने की तुलना में मृत्यु का खतरा 25 प्रतिशत तक घट जाता है। गुणवत्तापूर्ण भोजन से आशय ऐसे भोजन से है जिसमें 54 प्रतिशत ऊर्जा कार्बोहाइड्रेट से, 28 प्रतिशत वसा से, 18 प्रतिशत प्रोटीन से मिलती है।
हृदय तथा रक्तवाहिकाओं संबंधी बीमारी दुनिया भर में महामारी की तरह है। यह कम आय और मध्यम आय वाले देशों में 80 प्रतिशत बीमारी की वजह है। पीयूआरई की रिपोर्ट के तथ्यों से सहमति जताते हुए शहर में हृदय तथा रक्तवाहिकाओं संबंधी बीमारी के डॉक्टरों ने चावल, रोटी और ब्रेड जैसे आहार की मात्रा कम करने के साथ दिल को तंदुरूस्त बनाए रखने और जीवनशैली से जुड़ी मधुमेह, मोटापा और उच्च रक्तचाप की बीमारियों को नियंत्रण में रखने की सलाह दी है।
डॉक्टरों का मानना है कि सैचुरेटेड फैट वाले भोजन से भी परहेज करना चाहिए। अपोलो ग्लेनइगल्स हॉस्पिटल में हृदय रोग के वरिष्ठ डॉक्टर ने शनिवार को विश्व हृदय दिवस के अवसर पर कहा, ‘‘संतुलित आहार होना चाहिए। कार्बोहाइड्रेट वाला आहार 50 प्रतिशत से ज्यादा नहीं हो और वसा की मात्रा 30-35 प्रतिशत होनी चाहिए। कार्बोहाइड्रेट वाले भोजन को सीमित करना बहुत महत्वपूर्ण है।’’
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