नई दिल्ली: कैल्शियम हमारी हड्डियों के लिए बेहद जरूरी है। बच्चे के जन्म से ही यह शिशु के शुरुआती विकास और मांसपेशियां बनाने में भी सहायक होता है। कैल्शियम जहां एक हड्डियों को मजबूत बनाता है, वहीं इससे रक्त के थक्के (ब्लड क्लॉटिंग) में भी मदद मिलती है। कैल्शियम की कमी होने पर कमजोर नाखून, दांत में दर्द, मासिक धर्म के दौरान दर्द, धड़कन बढ़ना और नाड़ी की समस्याएं हो सकती हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, 14 से 20 साल की उम्र के ज्यादातर भारतीय से कैल्शियम की कमी से जूझ रहे हैं। सब्जियां, दही, बादाम और पनीर इसके स्रोत हैं।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के अध्यक्ष डॉ. के.के. अग्रवाल ने बताया कि कैल्शियम की कमी जिसे हायपोकैल्शिमिया भी कहा जाता है, तब होता है जब आपको पूरा कैल्शियम नहीं मिलता। अच्छी सेहत के लिए कैल्शियम के महत्व के बारे में पता होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि जिन लोगों में कैल्शियम की कमी हो, उन्हें अपने आप दवा नहीं लेनी चाहिए और ज्यादा मात्रा में सप्लीमेंट्स नहीं लेने चाहिए। डॉक्टर से सलाह लें और सेहतमंद खानपान के साथ सप्लीमेट लें। उन्होंने कहा कि उम्र के साथ कैल्शियम की कमी हो सकती है। शरीर का ज्यादातर कैल्शियम हड्डियों में संचित होता है। उम्र बढ़ने के साथ हड्डियां पतली और कम सघन हो जाती हैं जिससे कैल्शियम की मांग बढ़ जाती है।
भूखे रहने और कुपोषण, हार्मोन की गड़बड़ी, प्रिमैच्योर डिलीवरी और मैलएब्र्सोब्शन की वजह से भी कैल्शियम की कमी हो सकती है। मैलएब्र्सोब्शन तब होता है, जब हमारा शरीर खुराक से विटामिन और मिनरल नहीं सोख पाता।
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