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डॉ. राजू वैश्य ने कहा कि इस अध्ययन के तहत ऑस्टियोपोरोसिस के खतरा वाले लोगों की पहचान की गई। अच्छी बात यह है कि उचित उपचार से ऑस्टियोपोरोसिस फ्रैक्च र के कारण लंबे समय तक होने वाली मार्बिडिटी को रोका जा सकता है। लेकिन दुर्भाग्य सेए अधिकतर लोगों को ऑस्टियोपोरोसिस से संबंधित गंभीर जटिलताओं के बारे में काफी हद तक जानकारी नहीं है। यहां तक कि बड़े पैमाने पर क्रॉस.सेक्शनल अध्ययन के अभाव मेंए हिप फ्रैक्च र (एचएफ) सामान्य माना जाता है लेकिन अब ओस्टियोपोरोटिस एचएफ के मामले कम उम्र (लगभग 50-60 साल की उम्र) में भी होने लगे हैं।
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