किचन में कभी न करें इन कुकवेयर्स(cookwares) का इस्तेमाल, हो सकता है जानलेवा साथ ही जानें कौन से है बेस्ट कुकवेयर्स
हम आपके लिए लेकर आए है ऐसे कुकवेयर्स(Cookwares) जिनका इस्तेमाल करना आपकी सेहत के लिए खतरनाक होगा। इसके साथ ही हम आपको बताएंगे कि किस तरह के कुकवेयर्स आपकी सेहत के लिए फायदेमंद है।
हेल्थ डेस्क: हमारे किचन का सबसे महत्वपूर्ण भाग होता है हमारा किचन। जहां हमारे स्वास्थ्य का पूरा ख्याल रखने वाली चीजेो मौजूद होती है। लेकिन कई बार हम प्यार-प्यार में अपने परिवार के लोगों को टॉक्सिन से भरपूर चीजें परोस देते है। जिसके बारें में हमें पता ही नहीं होता है। जी हां उपयोग में आने वाली वस्तुए खासतौर पर कुकवेयर्स हमारी सेहत को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाते है। कई बार हम शॉपिंग के लिए जाते है कोई खूबसूरत सा डिनर सेट या कुकवेयर दिखा नहीं कि हम झट से बिना सोचे खरीद लेते है। बिना ये जाने कि इसका उपयोग हमारी सेहत के लिए कितना अच्छा है। इसलिए हम आपके लिए लेकर आए है ऐसे कुकवेयर्स जिनका इस्तेमाल करना आपकी सेहत के लिए खतरनाक होगा। इसके साथ ही हम आपको बताएंगे कि किस तरह के कुकवेयर्स आपकी सेहत के लिए फायदेमंद है।
नॉन स्टिक कुकवेयर (Teflon)
आज के समय में किचन में टैफलोन कोटेड कुकवेयर्स का इस्तेमाल काफी हो रहा है। इसमें बनाने में आसान के साथ साफ करने में आराम मिलता है। जिसके कारण यह आपकी किचन में आसानी से मिल जाएगा। आपको बता दें कि नॉन स्टिक कुकवेयर की खोज करीब 70 साल पहले हुई थी।
नॉन स्टिक यूटेंसिल्स एक खास तरह का केमिकल होता है। जिसे पीएफओए कहा जाता है। इसके अधिक और लगातार यूज करने से भ्रूण पर पड सकता है, जिससे बच्चे के थायरॉयड हॉर्मोन का स्तर गिरता है और इससे ब्रेन का विकास अवरुद्ध होता है, आइक्यू घटता है और बच्चों में बिहेवियरल समस्याएं हो सकती हैं।
एन्वायरमेंटल प्रोटेक्शन एजेंसी (ईपीए) के अनुसार PFOA के यूज से सेहत को नुकसान हो रहा है। इस धातु के प्लांट्स में कार्यरत स्त्रियों को गर्भावस्था के दौरान कई परेशानियों के बाद प्लांट से हटाकर दूसरे प्लांट में शिफ्ट किया गया। नेल पॉलिश रिमूवर, आई ग्लासेज और पिज्जा बॉक्सेज की लाइनिंग में भी इस धातु का प्रयोग किया जाता है। टॉक्सि कोलॉजिस्ट्स के अनुसार यदि भविष्य में ऐसे कुकवेयर्स का इस्तेमाल पूरी तरह बंद कर दें तो भी इनका असर खत्म होने में शरीर को 20 साल लग सकते हैं। (कभी न खाएं जला हुआ ब्रेड, हो सकता है कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी)
इतना ही नहीं अरग कुकिंग करते समय तापमान 260 डिग्रिी के आसपास पहुंचता है तो इससे केमिकल डिग्रेड होने लगता हैं कुछ फ्यूम्स रिलीज करते हैं, जिससे फ्लू जैसे लक्षण पनपते हैं। चिकित्सीय भाषा में इसे पोलिमर फ्यूम फीवर कहा जाता है। ऐसे कुकवेयर्स के लगातार इस्तेमाल से पैंक्रियाज, लिवर और टेस्टिस संबंधी कैंसर, कोलाइटिस, प्रेग्नेंसी में हाइपरटेंशन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। कोटिंग छूटने लगे तो बर्तन और हानिकारक हो सकता है। इसलइए इन केमिकल से बचकर ही रहें तो आपके लिए बेहतर होगा।
एल्युमिनियम कुकवेयर्स
इस तरह के कुकवेयर्स का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। इनका लंबे समय तक इस्तेमाल करना खतरनाक साबित हो सकता है। इसका कारण है कि एल्यूमिनियम वातावरण में मौजूद ऑक्सीजन के प्रति तेजी से प्रतिक्रिया करता है और एल्युमिनियम ऑक्साइड रिलीज करता है। एल्यूमिनियम ऑक्साइड यूटेंसिल्स की तली में लेयर्स बना देता है। फिर जब हम इन बर्तनों में खाना खाते हैं तो यह टॉक्सिक पदार्थ खाने के जरिए हमारे शरीर में चला जाता है। जो कि सीधे ब्रेन पर जाकर असर करता है। इसके साथ ही किडनी और रेनल को भी नुकसान पहुंचाता है।
अगर आपको इसका इस्तेमाल करना ही है तो इसमें नमक, चाय, सोडा, लेमन, टमाटर जैसी चीजें इनमें न रखें। चपाती रोल करने के लिए एल्युमिनियम फॉयल का यूज होता है। इसकी भीतरी डल परत ही सुरक्षित कोटिंग है, जो खाने को नुकसान से बचाती है।
कॉपर कुकवेयर
कॉपर यानी तांबा वैसे खाने में इस्तेमाल के लइए इसके बर्तन अच्छे माने जाते है लेकिन इसका इस्तेमाल गर्म करने के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
जब कॉपर में खाना गर्म किया जाता है तो इससे एक अत्यंत विषैला और अत्यधिक एलर्जीनिक यौगिक निकलता है। इसके अलावा शरीर में जिंक की मात्रा बढ़ जाती है जिसके कारण थायरॉयड ग्रंथि की खराबी का कारण भी बन सकता है।
मेलामाइन कुकवेयर्स
मेलामाइन के बर्तन को उबालने के लिए इस्तेमाल न करें। इन्हें लंबे समय तक भी प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए। एक नए अध्ययन के अनुसार मेलामाइन से बने प्लास्टिक बोल्स में गर्म खाना सर्व किया जाए तो केमिकल खाने में चला जाता है, जिससे किडनी स्टोन हो सकता है, किडनी टिश्यूज को नुकसान पहुंच सकता है।
यूरिन संबंधी गडबडियां (कम यूरिन, यूरिन में ब्लड आना) और हाइ ब्लड प्रेशर की समस्या भी हो सकती है। मेलामाइन बोल में सामान्य तापमान पर फ्रूट्स रखना सही है, लेकिन इनमें एसिडिक, हॉट या लिक्विड फूड नहीं रखना चाहिए। मेलामाइन वाले माइक्रोवेव डिशेज का इस्तेमाल कम करना चाहिए। (विक्की कौशल ने फिल्म 'उरी-द सर्जिकल स्ट्राइक' के लिए बढ़ाया 15 किलो वजन, फॉलो किया ये फिटनेस प्लान )
करें इस तरह के कुकवेयर्स का इस्तेमाल
अब बात करते है कि आखिर किस तरह के कुकवेयर का इस्तेमाल करना आपकी सेहत के लिए सही होगा। तो आपके बता दें कि कास्ट आयरन, स्टैनलेस स्ट्रील, ग्लासवेयर और 100 प्रतिशत केरामिक वाले कुकवेयर्स का ही इस्तेमाल करें। (खड़े होकर पानी पीते हैं तो संभल जाइए, आपके स्वास्थ्य के लिए हो सकता है हानिकारक )
कास्ट आयरन (Cast Iron)
यह कुकवेयर सेहत के लिए काफी अच्छे होते है। इसका इस्तेमाल आप लंबे समय तक कर सकते है।
स्टैनलेस स्ट्रील
यह कुकिंग के लिए दूसरा सबसे अच्छा ऑप्शन है। इसे आप नॉनस्टिक की जगह इस्तेमाल कर सकते है। बस इस बात का ध्यान रखें कि यह खाना में थोड़ी सी आयरन की स्मैल दे सकता है। जो कि बड़ी बात नहीं है। इसे आप धीमी या तेज आंच में आसानी से इस्तेमाल कर सकते है।
ग्लास कुकवेयर
यह सबसे अच्छा कुकवेयर माना जाता है। यह खाने में विषैला टॉक्सिन नहीं मिलाता है। इसे आप लगातार आसानी से इस्तेमाल कर सकते है।
100 प्रतिशत सिरेमिक कुकवेयर
ऐसे कुकवेयर जो कि पूरी तरह से सिरेमिक से बने हो। वह आपकी सेहत के लइए अच्छा होगा। यह पूरी तरह से नेचुरल तरीके से बनाया जाता है। यानी कि हर तरह के मेटल और केमिकल से मुक्स होता है। इसके अलावा इसमें किसी भी तरह की कोटिंग नहीं की होती है। जिसके कारण इससे खानों में किसी भी तरह का खतरा नहीं होता है।