न्यूयार्क: मधुमेह और मोटापे से ग्रस्त महिलाओं की संतान में ऑटिज्म स्पेक्ट्रम विकार होने की अधिक संभावना होती है। एक नए शोध में यह बात सामने आई है। अध्ययन के निष्कर्ष बताते हैं कि संतान में इस विकार की संभावना जन्म लेने से पहले से हो जाती है।
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अमेरिका के जॉन्स हॉपकिन्स ब्लूमबर्ग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ ने यह अध्ययन कराया है। अध्ययन के मुख्य लेखक जियोबिन वैंग के अनुसार, "हमें यह पता है कि मोटापा और मधुमेह गर्भवती महिलाओं के लिए अच्छा नहीं होता है लेकिन इस अध्ययन से पता चला कि मधुमेह और मोटापे से संतान का न्यूरोडेवलपमेंट लंबे समय तक प्रभावित हो सकता है।"
इस शोध के दौरान वर्ष 1998 से 2014 के बीच शोधार्थियों ने 2,734 मां और उनकी संतानों का अध्ययन किया। अध्ययन के दौरान करीब 100 बच्चों में ऑटिज्म स्पेक्ट्रम विकार देखा गया। जिसे मोटापा और मधुमेह के पहले संभावित जोखिम कारकों के रूप में देखा गया।
इस अध्ययन के अन्य लेखक एम डेनियेली फॉलिन के अनुसार, "हमारे अध्ययन बताते हैं कि ऑटिज्म का खतरा भ्रूण के साथ शुरू हो जाता है।" सामान्य वजन वाली महिलाओं की संतानों की तुलना में जिन महिलाओं को मोटापा और मधुमेह दोनों ही समस्याएं होती हैं उनकी संतानों में ऑटिज्म का खतरा चार गुना अधिक होता है। यह शोध पत्रिका 'पीडियाट्रिक्स' में प्रकाशित हुआ है।
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