वैद ने कहा, "शुक्राणु और अंडाणु भी कोशिकाएं ही हैं तथा कृत्रिम पेय के अत्यधिक सेवन से इन कोशिकाओं के खत्म होने की आशंका 90 फीसदी बढ़ जाती है। चिकित्सक और विशेषज्ञ हमेशा यही सलाह देते हैं कि ऐसे खाद्य या पेय पदार्थो का सेवन न किया जाए, जो फ्री रेडिकल्स का उत्पादन बढ़ाते हैं।"
सफदरजंग अस्पताल में स्त्रीरोग विशेषज्ञ रचना जैसवार का कहना है कि सोडायुक्त कृत्रिम पेय पदार्थो के सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता बाधित होती है, जिसके कारण व्यक्ति का वजन बढ़ता है और हार्मोन का संतुलन बिगड़ता है, जो नपुंसकता की बड़ी वजह है।
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