हेल्थ डेस्क: तपेदिक तथा मूत्राशय के कैंसर के उपचार के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले टीके के बारे में यह जानने के लिए अमेरिका में चिकित्सीय परीक्षणों की मंजूरी मिल गई है कि क्या यह टीका टाइप -1 मधुमेह रोग के उपचार में भी मदद कर सकता है।
अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफ डी ए) ने यह पता करने के लिए दूसरे चरण के चिकित्सीय परीक्षण को मंजूरी दे दी है कि क्या बैसिलस कलमेटे - गुएरिन (बी सी जी) नाम के जेनेरिक टीके में टाइप-1 मधुमेह को ठीक करने की क्षमता है।
मैसाचुसेट्स जनरल हॉस्पिटल की निदेशक डेनिसे फौस्टमन और उनकी टीम ने चूहों में टाइप -1 मधुमेह रोग में सुधार का पहली बार प्रमाण दिया और बाद में बी सी जी टीके का मनुष्यों में पहले चरण का चिकित्सीय परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा किया।
पहले चरण के चिकित्सीय परीक्षण में चार सप्ताह के अंतर पर बी सी जी के दो इंजेक्शनों से मधुमेह पैदा करने वाली टी कोशिकाएं खत्म हो गईं और इंसुलिन स्राव की अस्थाई वापसी का सबूत मिला। दूसरे चरण के परीक्षण में बी सी जी के टीके की संभावना देखने के लिए दीर्घकालिक अवधि में टीके की अधिक खुराक दी जाएंगी।
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