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हरी इलायची: यदि छाती में जुकाम की वजह से जकड़न हो गई हो और सांस लेना दूभर हो रहा हो तो इलायची का तेल की चंद बूंदें उबलते हुए पानी में डाल दें और इस पानी की भाप लें। भाप 15 मिनट से कम नहीं लेना चाहिए। बीच बीच में चेहरे से पानी पोंछते रहें लेकिन इस प्रक्रिया को अधबीच में ना छोड़ें।
हरी इलायची से फेफड़ों में रक्तसंचार तेज गति होने लगता है, इससे सांस लेने की समस्या जैसे अस्थमा, तेज जुकाम और खांसी जैसे रोगों के लक्षणों में कमी आती है। आयुर्वेद में इलायची को गर्म तासीर का माना गया है जो शरीर को अंदर से गर्म करती है। इससे बलगम और कफ बाहर निकालकर छाती की जकड़न को कम करने में मदद मिलती है।
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