हेल्थ डेस्क: वायु प्रदूषण के प्रभाव को लेकर एक चौंकाने वाला अध्ययन सामने आया है। इसमें बताया गया है कि उन बच्चों में बाल्यावस्था में उच्च रक्तचाप का खतरा अधिक रहता है जिनकी माताओं ने अपने गर्भकाल के छठे से नौवें महीने के बीच वायु प्रदूषण के उच्च स्तर का सामना किया हो।
पीएम 2.5 वायु प्रदूषण का एक प्रकार है जो मोटर वाहन, तेल, कोयला या जैव ईंधन के जलने से पैदा होता है और इसका मानव स्वास्थ्य पर विपरित प्रभाव पड़ता है।
अमेरिका में जॉन हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर नोल टी म्यूलर ने कहा, ‘‘यह ऐसा पहला अध्ययन है जो यह दिखाता है कि गर्भावस्था के दौरान प्रदूषित हवा में सांस लेना सीधे तौर पर गर्भ में पल रहे बच्चे के बाल्यावस्था में उसके हृदयवाहिनी पर प्रभाव डालता है।’’
‘हाइपरटेंशन’ जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन के वरिष्ठ लेखक म्यूलर ने कहा,‘‘बाल्यावस्था में उच्च रक्तचाप व्यस्क होने पर भी उच्च रक्तचाप का कारण बनता है और यही उच्च रक्तचाप हृदय से जुड़ी बीमारियों की वजह है।’’
अनुसंधानकर्ताओं ने इस अध्ययन के लिए 1,293 माताओं और उनके बच्चों की जांच की थी जो बोस्टन बर्थ कोहोर्ट स्टडी का हिस्सा थे।
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