हेल्थ डेस्क: दिल्ली से लेकर पूरे विश्व के लोग वायु प्रदूषण से होने वाली गंभीर बीमारियों से खासा परेशान है। वायु प्रदूषण सिर्फ आपको शारीरिक रूप से ही नहीं दिमागी रूप से बीमार कर रही है और तो और यह आपके बच्चे के दिमाग पर गहरा असर कर रही है।
UNICEF के द्वारा जारी किये रिपोर्ट के मुताबिक प्रदूषण से बच्चों के दिमाग पर गहरा असर पड़ता है। जहरीली हवा की वजह से बच्चों का I Q लेवल कम होने के साथ-साथ दिमाग पर इसका काफी बुरा असर पड़ता है। रिपोर्ट के मुताबिक प्रदूषण से दिमाग का सही से विकास नहीं हो पता है। साथ ही दिमाग की एकाग्रता, विकास रुक जाती है। साथ ही साथ दिमाग का विकास और इसकी सक्रियता कम होने की वजह से 'न्यूरोलोलॉजिकल' जैसी बीमारी के प्रभाव में आ जाता है।
यूनिसेफ की एक रिपोर्ट के मुताबिक यह बच्चों में चिंता, विकास संबंधी बीमारियों को भी जन्म देता है। दुनिया भर में 1.70 करोड़ बच्चे विश्व में वायु प्रदूषण से प्रभावित हैं। इनमें से 1.20 करोड़ बच्चे दक्षिण एशियाई देशों में हैं। ये बच्चे प्रदूषण के अंतरराष्ट्रीय मानकों छह गुना ज्यादा प्रदूषित वातावरण में रहने को मजबूर हैं। नवंबर में दिल्ली और उत्तर भारत में प्रदूषण का स्तर बढ़ा, तब हवा मानकों से 10 से 12 गुना तक ज्यादा जहरीली हो गई।
प्रदूषण एक साल से कम उम्र के बच्चों के दिमाग पर सबसे ज्यादा बुरा प्रभाव डालता है। अति सूक्ष्म कण बच्चों के रक्त में प्रवेश कर जाते हैं और वहां से वे दिमाग तक पहुंच जाते हैं। यूनिसेफ की रिपोर्ट के मुताबिक बहुत पतली सी झिल्ली जो दिमाग को जहरीले तत्वों से बचा कर रखती है उस पर बुरा प्रभाव पड़ने से अलजाइमर और पर्किसन जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
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