नई दिल्ली: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) प्रशासन ने ओपीडी के नियम में बदलाव किए है। जो कि 2 अप्रैल से लागू हो गए है। इस नए नियम के अनुसार अब सिर्फ 50 प्रतिशत मरीज ही ऑनलाइन अपॉइंटमेंट रिजर्व करा सकते है। बाकी 50 प्रतिशत अपॉइमेंट उन मरीजों का होगा। जो कि एक्स में आकर रजिस्ट्रेशन कराएंगे। इससे दूर-दराज से आने वाले मरीजों को काफी फायदा मिलेगा। पहले दूर से आने वाले मरीज बिना इलाज वापस लौट जाते थे।
बिना इलाज के वापस हो जाते थे मरीज
पहले के नियम के अनुसार 75 प्रतिशत ओपीडी के लिए ऑनलाइन अपॉइंटमेंट मिलते थे। जिसके कारण दूर-दराज से आने वाले मरीजों को अपाइंटमेंट नहीं मिल पाता था। जिन्हें ऑनलाइन के बारें में कुछ पता ही नहीं होता था।
अब केवल इतने प्रतिशत ऑनलाइन अपॉइंटमेंट
ऑनलाइन अपॉइंटमेंट के कारण वेटिंग इतनी ज्यादा बढ़ गई थी कि स्किन, यूरोलॉजी, नेफ्रॉलजी और मेडिसिन जैसे डिपार्टमेंट में अभी अपॉइंटमेंट लेने पर अगले साल फरवरी, 2019 तक की डेट मिल रही थी। इस वेटिंग के कारण ही प्रशासन ने ओपीडी की ऑनलाइन अपॉइंटमेंट को 50 प्रतिशत करने का फैसला लिया। जो कि 2 अप्रैल से लागू हो गया है। इसका फर्क दूसरे दिन ही नजर आने लगा है। इसमें वेटिंग केवल मई तक ही पहुंची है।
आपको बता दें कि यह नियम 2 पेज में लागू किया गया है। पहला फेज 2 अप्रैल से शुरु किया गया है। जो कि 15 मई तक चलेगा। फिर इसका रिव्यू होगा।
अगर आप जा रहे है पहली बार
अगर आप पहली या दूसरी बार एम्स में इलाज के लिए जा रहे है, तो मरीजों को सबसे पहले पेशंट रिसेप्शन सेंटर पहुंचना होगा।
ऐसे कराएं आप अपना रजिस्ट्रेशन
मरीजों के लिए रजिस्ट्रेशन कार्ड सुबह 9 बजे से 11 बजे तक बनेगा। ये कार्ड सुबह की ओपीडी के लिए बनेगा, वहीं शाम की ओपीडी के लिए कार्ड 1:30 से 3 बजे तक के लिए बनेगा। यहां इस बात का भी ध्यान रखा गया है कि डिपार्टमेंट में इलाज के लिए अगर मरीजों की संख्या 100 है, तो उसमें से 50 मरीज वैसे होंगे जिनका कार्ड एम्स पहुंचने के बाद बना होगा।
जानिए ऑनलाइन और ऑफलाइन के कहां बनेंगे कार्ड
ऑनलाइन और ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन सेंटर भी अलग-अलग कर दिए गए हैं। ऑफलाइन का रजिस्ट्रेशन पेशंट सेंटर में होगा और ऑनलाइन वालों का ओपीडी के पास। वहीं ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन वाले मरीजों का कार्ड बनने का समय सुबह 8 बजे से 11 बजे तक और शाम 1:30 से 3 बजे तक है।
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