अल्जाइमर से निजात दिला सकता है इस पौधे का रस, जानिए
अगर आपके घर में भी किसी को इस तरह की समस्या है, तो आप इस पौधे का रस पीकर इस समस्या से निजात पा सकते है। इस पौधे को लेकर कई शोध किए गए है।
हेल्थ डेस्क: आम तौर पर माना जाता है कि अल्जाइमर बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है। यह बूढ़ापे का एक आम तथ्य है, यह बीमारी आपके पूरे जीवन को अस्त-व्यस्त कर देगी। (1 घरेलू उपाय और सिर्फ 2 दिन में पाएं पुराने से पुराने घाव से निजात)
अल्जामर का डर हर किसी में होता है। इससे ग्रस्त होने पर इंसान अपना मानसिक संतुलन खो देता है। ये बीमारी व्यस्क बच्चों में भी सामान्य है। वैसे तो अल्जाइर का संबंध जीन से होता है, पर स्वास्थ्य विशेषज्ञ मानते हैं कि अन्य कारणों से भी व्यक्ति अल्जाइमर की चपेट में आ सकता है। इनके कई और कारण भी हो सकते है जैसे कि पोषण, शिक्षा, मधुमेह, मानसिक गतिविधि और शारीरिक समस्या आदि। (कुछ ही दिनों में पाना है डायबिटीज से निजात, तो करें इसका सेवन)
अगर आपके घर में भी किसी को इस तरह की समस्या है, तो आप इस पौधे का रस पीकर इस समस्या से निजात पा सकते है। इस पौधे को लेकर कई शोध किए गए है।
अल्जाइमर बीमारी के इलाज को लेकर वैज्ञानिकों में एक नई उम्मीद जगी है। नाइजीरिया में पारंपरिक दवा के रूप में सदियों से इस्तेमाल में लाया जा रहा एक पौधे का रस अल्जाइमर के इलाज के लिए नई दवा का आधार साबित हो सकता है।
पत्रिका 'फार्मास्यूटिकल बायोलॉजी' में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक, कार्पोलोबिया ल्यूटिया पौधे की पत्तियों, तनों व जड़ों से निकाला गया रस मस्तिष्क के रासायनिक संदेशवाहकों की सुरक्षा में मददगार साबित हो सकता है, जो स्मृति तथा सीखने की क्षमता सहित दिमाग के कार्यो में अहम भूमिका निभाता है।
अध्ययन के मुताबिक, पौधे का रस अल्जाइमर के लक्षणों से निपटने के लिए नई दवा के निर्माण का मार्ग प्रशस्त कर सकता है। सबसे बड़ी बात यह है कि इस दवा का दुष्प्रभाव नहीं होगा, जबकि मौजूदा दवाओं का शरीर पर दुष्प्रभाव पड़ता है।
ब्रिटेन के यूनिवर्सिटी ऑफ नॉटिंघम में मुख्य शोधकर्ता वायने कार्टर ने कहा, "जिस तरह लोगों की जीवन प्रत्याशा बढ़ रही है, डिमेंशिया से पीड़ित लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है। यह खतरनाक स्थिति की ओर इशारा करता है। पारंपरिक दवाएं नए रसायन प्रदान करेंगी, जो अल्जाइमर से निपटने में कारगर साबित होगा।"
कार्पोलोबिया ल्यूटिया को आम तौर पर 'कैटल स्टिक' के नाम से जाना जाता है और यह एक छोटा-सा पौधा है, जो मध्य तथा पश्चिमी अफ्रीका में पाया जाता है। नाइजीरिया में इसका इस्तेमाल जननांगों में संक्रमण, मसूढ़ों में सूजन तथा कमर में दर्द के इलाज के लिए किया जाता है।