अक्सर रहती है एसिडिटी की समस्या, तो समझ लें आपको मिल रहे हैं इस बीमारी के संकेत
अक्सर ऐसा होता है कि गैस या एसिडिटी होने पर हम उसे आसानी से इग्नोर कर देते हैं लेकिन आपको यह बात जानकर हैरानी होगी कि यह छोटी सी दिखने वाली चीज, बड़ी बीमारी के संकेत होते है।
हेल्थ डेस्क: अक्सर ऐसा होता है कि गैस या एसिडिटी होने पर हम उसे आसानी से इग्नेर कर देते हैं लेकिन आपको यह बात जानकर हैरानी होगी कि यह छोटी सी दिखने वाली चीज, बड़ी बीमारी के संकेत होते है। यह चीजें सिर्फ देखने में छोटी होती हैं लेकिन धीरे-धीरे एक बड़ी और गंभीर बीमारी का रूप ले लेती है।
पेट में गैस की समस्या आम हो चुकी है। कई लोगों को जब भी यह परेशानी होती है, उनका सिर भी दुखने लगता है। जब हम इन दोनों में से किसी एक की दवा खाते हैं, दोनों तरह के दर्द से आराम मिल जाता है। ऐसे में यह सवाल अक्सर पूछा जाता है कि क्या गैस और माइग्रेन में भी कोई कनेक्शन है?
कुछ विशेषज्ञ इस बात से इंकार नहीं करते। उनका तर्क है कि गैस्ट्रोइंटेस्टिनल समस्याओं जैसे पेट में गैस बनना, उल्टी, मिचली, पेट दर्द जैसे लक्षण माइग्रेन अटैक के दौरान भी देखने को मिलते हैं। लिहाजा, माइग्रेन और गैस एक दूसरे से संबंधित हैं।
माइग्रेन के लक्षण
माइग्रेन की समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है। कई लोग लक्षणों के आधार पर पहले ही पता लगा लेते हैं कि माइग्रेन अटैक होने वाला है। इन लक्षणों को चार स्तर में बांटा गया है-
प्रोड्रोम
जो भी शख्स माइग्रेन से पीड़ित है वह एक-दो दिन पहले ही इन लक्षणों के आधार पर जान सकता है कि उसे सिर दर्द होने वाला है। कब्ज, मूड स्विंग्स, गले में अकड़न, ज्यादा खाना खाने की इच्छा, प्यास और यूरीन बढ़ना, रह रहकर जम्हाई आना माइग्रेन के शुरूआती लक्षण हैं।
माइग्रेन ऑरा
माइग्रेन के दर्द के दौरान कई लोग ऑरा का अनुभव भी करते हैं। नर्वस सिस्टम से जुड़े लक्षण को ऑरा कहते हैं। कई लोगों को माइग्रेन के दर्द के साथ-साथ देखने में भी परेशानी होने लगती है। उनकी आंखों के सामने चमकीले स्पॉट या फ्लैश नजर आने लगते हैं। वहीं, कई लोगों को पैर और बांह में सूई सी चुभन महसूस होती है।यही नहीं, कई लोग तो इस दौरान साफ बोल भी नहीं पाते।
अटैक
वक्त रहते अगर माइग्रेन का उपचार ना किया गया तो यह चार घंटे से लेकर 72 घंटे तक रह सकता है। इस दौरान सिर के एक हिस्से में तेज दर्द होता है।रौशनी, आवाज यहां तक कि सुगंध या किसी के छूने से भी उन्हें तकलीफ होने लगती है। इसके अलावा कई लोगों को माइग्रेन अटैक के दौरान उल्टी भी होती है। तो अगर सिरदर्द के साथ-साथ आपके साथ ये चीजें भी हो रही हैं तो संभव है कि आप भी माइग्रेन जैसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त हो चुके हैं।
ड्रोम
अगर सिर दर्द खत्म होने के बाद भी आपको ऐसा लगे कि आपकी ऊर्जा खत्म हो चुकी है, शरीर में कमजोरी महसूस हो रही हो या फिर चक्कर आएं, तो फौरन डॉक्टर से संपर्क करें। हो सकता है कि आपको माइग्रेन की समस्या है।
माइग्रेन की समस्या है तो ना खाएं ये चीजें
जिन लोगों को माइग्रेन की समस्या होती है उन्हें खट्टे फलों के सेवन से बचना चाहिए। खट्टे फलों में सिट्रस एसिड होता जिससे खून का पीएच लेवल भी प्रभावित होता है। नारंगी, कीवी, नींबू आदि में विटामिन सी होता है। इसके अलावा इनमें थाईरामाइन और हिस्टामाइन भी पाए जाते हैं। इन सब वजहों से जब भी आप खट्टे फल खाते हैं माइग्रेन का दर्द शुरू हो जाता है। इसके अलावा कैफीन, शराब और डाइट सोडा के सेवन से भी बचना चाहिए। पका केला, बासी खाना, चीज़, विनेगर और खमीर लगी हुई खाने वाली चीजों से भी दूरी बनाकर रहना ही बेहतर है।
इन वजहों से होता है माइग्रेन
हार्मोन में बदलाव, जरूरत से कम या ज्यादा सोना, कैफीन, शराब और पेन किलर्स के अत्यधिक सेवन की वजह से माइग्रेन की समस्या हो सकती है। इससे बचना हो या इसकी तकलीफ कम करनी हो तो संतुलित आहार लें, तेज रौशनी या आवाज से दूर रहें, नियमित वर्जिश करें और भरपूर नींद लें। विशेषज्ञों के अनुसार महिलाओं में पुरुषों के मुकाबले इस बीमारी से ग्रसित होने की संभावना तिगुनी होती है। वहीं, जिन लोगों को धूप निकलने के बाद भी सोने की आदत होती है उन्हें भी इसका खतरा ज्यादा होता है।