इस अध्ययन परिणामों पर मेदांता के हृदय रोग विभाग में एसोसिएट डायरेक्टर डा. मनीष बंसल ने कहा, "भारतीय सजग तो हो रहे लेकिन दिल की बीमारियां रोकने के लिए जीवनशैली में बदलाव लाने की आदतों का पालन काफी कम किया जाता है।
सफोलालाइफ अध्ययन में जहां खानपान की आदतें एक बड़ी रुकावट के रूप में सामने आई है, वहीं अधिक समय तक काम करने, रोजाना अधिक घंटों का सफर और काम के तनाव ऐसे प्रमुख कारण बनते हैं, जिनके चलते लोग हृदय को स्वस्थ बनाने की कोशिशें नहीं कर पाते। इस साल, विश्व हृदय दिवस के अवसर पर हम उपभोक्ताओं को एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाते हुए अपने हृदय के स्वास्थ्य में सुधार लाने के लिए प्रेरित करना चाहते हैं।"
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