गोरखपुर: गोरखपुर के बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज एंव अस्पताल में करीब पांच दिनों में सेफेलाइटिस और कथित तौर पर ऑक्सीजन की आपूर्ति बंद होने के कारण 63 बच्चों की मौत हो गई। जिसने पूरे देश को हिला दिया है, मगर आप सतर्क रहें क्योंकि यह देश के 14 राज्यों में इस बीमारी का असर है और रोकथाम की बजाय इलाज पर ध्यान देने की वजह से बीमारी का प्रकोप बरकरार है।
ये 14 राज्य है प्रभावित
केंद्रीय संचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अनुसार उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, असम और बिहार समेत 14 राज्यों में इंसेफेलाइटिस का प्रभाव है, लेकिन पश्चिम बंगाल, असम, बिहार तथा उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में इस बीमारी का प्रकोप काफी ज्यादा है। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, महराजगंज, कुशीनगर, बस्ती, सिद्धार्थनगर, संत कबीरनगर, देवरिया और मउु समेत 12 जिले इससे प्रभावित हैं।
ये भी पढ़ें:
गोरखपुर समेत पूर्वांचल में मस्तिष्क ज्वर और जलजनित बीमारी इंटेरो वायरल की रोकथाम के लिये काम रहे डॉक्टर आर. एन. सिंह ने भाषा से बातचीत में इसकी तस्दीक करते हुए बताया कि बिहार के कुछ जिलों के हालात भी गोरखपुर जैसे ही बुरे हैं।
उन्होंने आरोप लगाते हुए दावा किया कि बाकी राज्यों में इंसेफेलाइटिस की वजह से होने वाली मौतों का आंकड़ा दबा दिया जाता है इसलिए गोरखपुर समेत पूर्वांचल में इस बीमारी की मौजूदगी की गूंज सबसे ज्यादा सुनाई देती है।
यहां पर होती है हर साल सैकंड़ो बच्चों की मौत
डॉक्टर सिंह ने कहा कि गोरखपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में हर साल मस्तिष्क ज्वर से सैकड़ों बच्चों की मौत होती है। दरअसल, सरकारों को पता ही नहीं है कि उन्हें करना क्या है। शासकीय तथा सामाजिक प्रयासों से टीकाकरण के जरिये जापानी इंसेफेलाइटिस के मामलों में तो कमी लायी गई है लेकिन जलजनित रोग इंटेरो वायरल को रोकने के लिये कोई ठोस कार्यक्रम नहीं है। इस समय सबसे ज्यादा मौतें इंटेरो वायरल की वजह से ही हो रही हैं।
उन्होंने कहा अभी सरकार को यह पता ही नहीं है कि उनको करना क्या है। जलजनित रोगों को रोकने के लिये कई साल पहले बना राष्ट्रीय कार्यक्रम अभी तक प्रभावी तरीके से लागू नहीं हुआ है।
अगली स्लाइड में पढ़े कैसे करें बचाव
Latest Lifestyle News