World Photography Day 2022: आज यानि 19 अगस्त को पूरी दुनिया 'विश्व फोटोग्राफी दिवस' (World Photography Day) मना रहा है। आज के दौर में फोटोग्रॉफी का प्रचलन इस कदर बढ़ा गया है कि तस्वीर को खींचने के लिए न जाने कितने तरह के हाईटेक कैमरे मौजूद हैं। वहीं कुछ लोग सेल्फी से लेकर वीडियो तक बनाकर वायरल हो रहे हैं और इतना ही नहीं इसके साथ ही वो एक अच्छी कमाई भी कर रहे हैं। ऐेसे में 'वर्ल्ड फोटोग्राफी डे' के मौके पर आइए जानते हैं क्यों मनाया जाता है यह दिन, इसे मनाने के पीछे क्या है कारण। साथ ही जानिए दुनिया की पहली तस्वीर कब और किसने खींची।
वर्ल्ड फोटोग्राफी डे 2022 थीम
इस बार 'वर्ल्ड फोटोग्राफी डे' 2022 का थीम 'लेंस के माध्यम से महामारी का लॉकडाउन' (Pandemic Lockdown through the lens) है। थीम का यह मतलब हुआ कि हम कैमरे के जरिए महामारी के चलते हुए लॉकडाउन को कैसे देखते हैं।
जानिए कब ली गई थी दुनिया की पहली सेल्फी
आज की दुनिया में भले ही सेल्फी लेना आम हो गया हो, लेकिन क्या आपको पता है कि दुनिया की पहली 'सेल्फी' कब ली गई थी और किसने ली थी? अगर नहीं, तो आज हम आपको बताएंगे कि दुनिया की पहली 'सेल्फी' कब और किसने ली थी। कहा जाता है कि आज से 182 साल पहले यानी साल 1839 में अमेरिका के रॉबर्ट कॉर्नेलियस ने दुनिया की पहली 'सेल्फी' ली थी। हालांकि उस समय यह कोई जानता भी नहीं था की सेल्फी क्या होती है।
साल 1861 में ली गई थी पहली कलर फोटो
स्कॉटलैंड के भौतिक शास्त्री क्लर्क मैक्सवेल ने 1861 में दुनिया की पहली रंगीन तस्वीर ली थी जोकि एक फीते की थी और इसका रंग लाल, नीला और पीला था।
जानिए क्यों मनाया जाता है वर्ल्ड फोटोग्राफी डे
दरअसल, इसके पीछे की कहानी कई साल पुरानी है। कहा जाता है कि 9 जनवरी 1839 को इसकी शुरुआत फ्रांस से उस समय हुई जब फ्रेंच अकैडमी ऑफ साइंसेज ने डगेरोटाइप प्रोसेस की घोषणा की। 19 अगस्त को फ्रांसीसी सरकार ने इसका पैटंट खरीद लिया और इस आविष्कार को दुनिया के लिए एक उपहार बताया जिसकी वजह से 19 अगस्त को वर्ल्ड फोटोग्रॉफी डे के रूप में मनाया जाने लगा।
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