मैच्योर लोग (Mature Person) कभी नहीं करते ये 5 काम, फैमिली हो या ऑफिस शांति से बीतती है जिंदगी
मैच्योर कैसे बने: आपने देखा होगा कि कुछ लोग चुपचाप अपना काम करते हैं और शिकायतों पर कम ध्यान देते हैं। कई स्थितियों पर रिएक्ट करना सही नहीं समझते। दरअसल, ये सब मैच्योरिटी की निशानी है।
आपने कई बार महसूस किया होगा कि कुछ लोग बहुत समझदार होते हैं और किसी भी स्थिति में शांत रहते हैं। लेकिन, कुछ लोग ऐसे होते हैं जिन्हें बेवजह की स्थितियों से उलझने और परेशान रहने की आदत होती है। दरअसल, यही फर्क है मैच्योर होने और नहीं होने का। मैच्योर होना जीवन में आगे बढ़ने के लिए बेहद जरूरी है। ऐसा इसलिए कि अगर हम ऐसा नहीं करते तो पूरा जीवन शिकायतों का एक पहाड़ बन जाएगा और इसके अंदर आप दब कर मर सकते हैं। ये मरना इमोशनली और मेंटली हो सकता है जिसका असर आपके जीवन पर और आपके रिश्तों में भी नजर आ सकता है। तो, इसलिए जानते हैं अपने अंदर मैच्योरिटी कैसे लाएं (Signs of a mature person)
मैच्योर लोग कभी नहीं करते ये 5 काम-What mature people don't do
1. ज्यादा बोलना और बहस करना
ज्यादा बोलना और बहस करना असल में इस बात का संकेत है कि आप मैच्योर नहीं हैं। क्योंकि मैच्योर इंसान कम बोलता है और ज्यादा सुनता है। इसके अलावा वो कभी भी यूं ही बहस नहीं करता। अगर वो बहस करता भी है तो उसके पास फैक्ट्स और अपने प्वाइंट्स होते हैं और इस दौरान भी वो कम शब्दों में अपनी बात रख जाता है।
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2. ओवररिएक्ट करना
मैच्योर बनना है तो ओवररिएक्ट करना बंद कर दें। दरअसल, ऐसा करना आपको मुश्किलों से घेरे हुए रख सकता है। जैसे कि अगर किसी ने कुछ कहा है तो तुरंत जवाब न दें। इसके अलावा अगर कोई किसी बात की शिकायत कर रहा है तो हां और न कहने की जगह ये कहें कि आप आगे से ध्यान रखेंगे या सोचकर बताते हैं। समय लें और तब अपनी बात रखें।
3. तनावपूर्ण स्थितियों में पैनिक करना
तनावपूर्ण स्थितियों में पैनिक करना चीजों को और खराब कर सकता है। इसके अलावा ये आपके रिश्तों का नुकसान कर सकता है चाहे वो ऑफिस हो या घर में। तो, जब आपको स्ट्रेस हो या स्थितियां खराब हो तो बात करने से बचें और शांत रहें। समय लें और फिर रिएक्ट करें।
4. जिम्मेदारियों से पीछा छुड़ाना
मैच्योर लोग कभी अपनी जिम्मेदारियों से भागने की कोशिश नहीं करते। वो हमेशा हर स्थिति में चुपचाप खड़े रहते हैं और कोशिश करते हैं। अगर चीजें नहीं हो पा रही होती हैं तो इस पर बात करते हैं और कोई हल खोजने की कोशिश करते हैं। पर वो भागने नहीं हैं।
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5. 'सॉरी' और 'प्लीज' को ईगो बनाना
'सॉरी' और 'प्लीज' कहना कुछ लोग अपने ईगो (ego) पर लेते हैं। उन्हें ये बोलने में बड़ी तकलीफ महसूस होती है। तो ये आदत छोड़ दें। जब जैसी जरूरत पड़े वैसे रहें। यही मैच्योरिटी है। तो, अगर आप मैच्योर बनना चाहते हैं तो अपने अंदर से बदलाव लाएं। इससे जिंदगी में परेशानियां कम होंगी और आप खुश रहेंगे।