दुनियाभर में आज के दिन लोग अपने मजाक से दूसरों को अप्रैल फूल यानी 'मूर्ख' बनाते हैं। यूं तो हंसी-मजाक हर दिन ही करते रहना चाहिए, क्योंकि इससे शरीर में ऐसा हार्मोन बनता है जिससे आप स्वस्थ रहते हैं। लेकिन 1 अप्रैल के दिन को ही अप्रैल फूल डे (April Fool Day) क्यों मनाया जाता है, इसकी भी एक अलग कहानी है। आज के दिन बच्चा हो या फिर जवान और बुजुर्ग सभी किसी न किसी बहाने से अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को मूर्ख बनाते हैं। आज यहां हम आपको बताने वाले कि सबसे पहले किसने किसको अप्रैल फूल (April fools day pranks) बनाया था।
कौन बना था पहला अप्रैल फूल
1 अप्रैल के दिन मूर्ख बनाने की प्रथा कई सालों से चली आ रही है। आज के समय में दुनियाभर में ये दिन मनाया जाता है। लेकिन अगर इसकी शुरुआत की बात करें तो जानकारी के मुताबिक, इसकी शुरुआत चॉसर के 'कैंटरबरी टेल्स' की एक कहानी 'नन्स प्रीस्ट्स टेल' में मिलती है जहां इंग्लैण्ड के राजा रिचर्ड द्वितीय और बोहेमिया की रानी की सगाई की बात उनकी जनता को बताई। सगाई के ऐलान के साथ इसकी तारीख 32 मार्च बताई गई। जिसे सुनकर वहां की जनता ने विश्वास भी कर लिया। चूंकि, 32 मार्च की तारीख तो कैलेंडर में होती ही नहीं है तो ऐसे में वहां की जनता सामूहिक रूप से अप्रैल फूल बन गई।
अप्रैल फूल से जुड़ी दूसरी कहानी
अप्रैल की पहली तारीख को मूर्ख बनाने की दूसरी कहानी यूरोप से जुड़ी है। दरअसल, पुराने समय में यूरोप में 1 अप्रैल को नया साल यानी न्यू ईयर मनाया जाता था और इस दिन भव्य आयोजन भी होते थे। लेकिन वहां के पोप ग्रेगोरी 13 ने साल 1582 में एक नया कैलेंडर निकाला जिसमें निर्देश दिया कि नया साल 1 जनवरी को मनाया जाएगा। पोप ग्रेगोरी 13 के इस कैलेंडर के जारी होने के बाद से वहां के जो लोग नया साल 1 अप्रैल को मनाते थे, उनका 'मूर्ख' कह कर मजाक उड़ाया जाता था। कहा जाता है कि यहीं से 1 अप्रैल को मूर्ख दिवस की शुरुआत हुई।
यह भी पढ़ें: April Fool's Day 2023 Wishes And Messages: इन फनी मैसेज के जरिए दोस्तों को बनाएं 'अप्रैल फूल', आपका भी दिन भी बन जाएगा मजेदार
Iftar Recipe: इफ्तार में बनाए मूंगफली की ये स्पेशल चटनी, पकौड़ों का मजा हो जाएगा दोगुना
स्किन पोर्स में छिपी गंदगी को सोख लेंगे ये 3 नेचुरल चीजें, इस्तेमाल से चेहरा हो जाएगा बिलकुल क्लीन
Latest Lifestyle News