जब दिमाग पर स्ट्रेस हावी होने लगता है, तब कभी-कभी शख्स को आत्महत्या का ख्याल आने लगता है। जरूरत से ज्यादा स्ट्रेस लेने की वजह से अक्सर लोगों को एंग्जायटी, पैनिक अटैक और डिप्रेशन जैसी मेंटल हेल्थ से जुड़ी गंभीर बीमारियां घेर लेती हैं। इस तरह की बीमारियां भी सुसाइडल थॉट्स आने के पीछे की वजह हो सकती हैं। अगर आप भी सुसाइडल थॉट्स को अपने ऊपर हावी नहीं होने देना चाहते हैं, तो आपको अपनी मेंटल हेल्थ को मजबूत बनाने के लिए कुछ टिप्स को फॉलो करना शुरू कर देना चाहिए।
अकेले रहने से बचने की कोशिश करें
आपको जिस समय सुसाइडल थॉट्स आएं, उस समय अकेले रहने से बचना चाहिए। अगर आपके आसपास कोई भी नहीं है, तो आप अपने परिवार के किसी भी सदस्य को या फिर अपने किसी भी दोस्त को कॉल कर सकते हैं। वहीं, बातचीत करने से आप अपनी मेंटल हेल्थ को भी काफी हद तक इम्प्रूव कर सकते हैं। स्टडी के मुताबिक हमेशा अकेले रहने से या फिर अपने दिल की बातों को किसी के साथ भी शेयर न कर पाने की वजह से स्ट्रेस, एंग्जायटी और डिप्रेशन जैसी समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है।
रूटीन में जरूर शामिल करें मेडिटेशन
अगर आप वाकई में अपनी मेंटल हेल्थ को मजबूत बनाना चाहते हैं तो आपको अपने डेली रूटीन में मेडिटेशन को जरूर शामिल कर लेना चाहिए। मेडिटेशन की मदद से आप अपनी ओवरऑल हेल्थ को काफी हद तक इम्प्रूव कर सकते हैं। हर रोज मेडिटेट करने से आप अपने दिमाग में पैदा होने वाले सुसाइडल थॉट्स पर भी काबू पा सकते हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स अक्सर मेडिटेशन करने की सलाह देते हैं क्योंकि मेडिटेशन की मदद से मेंटल हेल्थ को दमदार बनाया जा सकता है।
नेगेटिव लोगों से बनाएं दूरी
अगर आप अपनी मेंटल हेल्थ को डैमेज होने से बचाना चाहते हैं तो आपको नेगेटिव लोगों से दूरी बनाने की कोशिश करनी चाहिए। नेगेटिव वाइब आपके दिमाग में नेगेटिव थॉट्स को पैदा कर सकती है। नकारात्मक ख्यालों को अपने दिमाग से बाहर निकाल फेंकने के लिए नकारात्मक लोगों से दूर रहना बेहद जरूरी है।
(ये आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है, अगर आपको अक्सर सुसाइडल थॉट्स आते रहते हैं तो आपको डॉक्टर से परामर्श जरूर ले लेना चाहिए)
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