पैरेंट्स अपने बच्चे की परवरिश के लिए अलग-अलग तरीके को फॉलो करते हैं। कुछ सालों पहले तक पैरेंट्स अपने बच्चों के साथ बहुत ज्यादा सख्ती से बर्ताव करते थे और कभी-कभी पिटाई भी किया करते थे। हालांकि अब पैरेंट्स बच्चों पर हाथ उठाने से बचते हैं लेकिन अभी भी बहुत से पैरेंट्स अपने बच्चे की परवरिश के लिए स्ट्रिक्ट पैरेंटिंग का सहारा लेते हैं। अगर आप भी अपने बच्चे को अक्सर डांटते ही रहते हैं तो आपको भी इस तरह की पैरेंटिंग के कुछ साइड इफेक्ट्स के बारे में जान लेना चाहिए।
गुस्सैल हो जाएगा बच्चे का स्वभाव
पैरेंट्स की जरूरत से ज्यादा सख्ती बच्चे के स्वभाव को गुस्सैल बना सकती है। अगर आपने सही समय पर अपने बच्चे के साथ सख्त बर्ताव करना कम नहीं किया तो उसके मन में बगावत भी पैदा हो सकती है जो आपके बच्चे को आपसे दूर कर सकती है। स्ट्रिक्ट पैरेंटिंग की वजह से बच्चा अपने पैरेंट्स से खुलकर अपने दिल की बात कहने से भी बचता है।
मेंटल हेल्थ पर पड़ता है बुरा असर
जो पैरेंट्स अपने बच्चों के साथ हर समय सख्त बर्ताव करते हैं, उनके बच्चों की मेंटल हेल्थ पर बुरा असर पड़ सकता है। इतना ही नहीं पैरेंट्स के इस तरह के व्यवहार की वजह से बच्चा चाइल्डहुड ट्रॉमा का शिकार भी बन सकता है। अगर आप अपने बच्चे की मेंटल हेल्थ को बिगड़ने से बचाना चाहते हैं, तो आपको अपने परवरिश करने के तरीके में थोड़ा-बहुत सुधार लाने की जरूरत है।
पैदा हो सकती है कॉन्फिडेंस की कमी
हर समय अपने माता-पिता से डांट खाने की वजह से बच्चे के अंदर कॉन्फिडेंस की कमी पैदा हो सकती है। आपका बच्चा जितना ज्यादा अंडर कॉन्फिडेंट होगा, उसे आगे चलकर सफलता हासिल करने में भी उतनी ही दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। अब आपको भी स्ट्रिक्ट पैरेंटिंग से बच्चे पर पड़ने वाले कुछ साइड इफेक्ट्स के बारे में पता है।
अपने बच्चे की परवरिश के दौरान आपको प्यार और सख्ती के बीच में एक संतुलन बनाकर रखना पड़ेगा। दोनों में से किसी भी चीज की अति, आपके बच्चे की पर्सनालिटी को बुरी तरह से प्रभावित कर सकती है।
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