International Yoga Day 2022 : योग का हमारी ज़िंदगी में काफी महत्व होता है। हर साल 21 जून को पूरी दुनिया में विश्व योग दिवस मनाया जाता है। इस दिन हर कोई योग करता हुआ नजर आता है। हांलाकि हम सभी को योग को अपने जीवन का अहम हिस्सा बना लेना चाहिए। इस दिन का उद्देश्य आध्यात्मिक और शारीरिक अभ्यास के लाभों के बारे में जागरूकता फैलाना है।
भारत में पिछले कई दशक से योग होता आ रहा है। हांलाकि इसके बारे में बेहद कम लोगों को जानकारी है। भारत में ऋषि मुनि सदियों से योग का अभ्यास करते हुए आ रहे हैं। योग भारतीय संस्कृति से जुड़ा है, जो अब विदेशों में भी फैल गया है। योग के विदेशों में प्रसारित करने का श्रेय हमारे योग गुरुओं को जाता है।
योग दिवस 2022 की थीम
इस बार अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2022 की थीम है 'मानवता के लिए योग (Yoga for Humanity)'। योग दिवस की थीम 'योगा फॉर ह्यूमैनिटी' का चयन कोविड-19 के प्रभाव को देखते किया गया है।
कैसे हुई योग दिवस की शुरुआत
21 जून को योग दिवस इसलिए मनाया जाता है क्योंकि यह उत्तरी गोलार्ध में ग्रीष्म संक्रांति का दिन भी है। ग्रीष्म संक्रांति कई संस्कृतियों में महत्व रखती है। 2014 में पहली बार योग दिवस को
संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा मान्यता दी गई थी। उस समय संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि, अशोक मुखर्जी ने योग के अभ्यास के लिए एक दिन को मान्यता देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय निकाय को एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया था।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 सितंबर 2014 को संयुक्त महासभा में दुनियाभर में योग दिवस मनाने की घोषणा की थी। प्रधानमंत्री के प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने स्वीकार कर लिया। प्रस्ताव पारित होने के साथ ही 21 जून 2015 को पहला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया।
21 जून को क्यों मनाया जाता है योग दिवस
कई बार लोगों के ज़हन में ये सवाल आता है कि आखिर 21 जून को ही योग दिवस क्यों मनाया जाता है? इसके पीछे की खास वजह ये है कि, 21 जून को उत्तरी गोलार्द्ध का सबसे लंबा दिन होता है, जिसे लोग ग्रीष्म संक्रांति भी कहते हैं। भारतीय परंपरा के मुताबिक, ग्रीष्म संक्रांति के बाद सूर्य दक्षिणायन होता है। इस दिन योग करने से कई फायदे मिलते हैं। जिसके चलते 21 जून को ही अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है।
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