अगर आपको भी रात में जल्दी से नींद नहीं आ पाती है और आप 7-8 घंटे की साउंड स्लीप नहीं ले पाते हैं तो आपको स्लीप मेडिटेशन को अपने डेली रूटीन में जरूर शामिल करके देखना चाहिए। अनिद्रा की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए स्लीप मेडिटेशन वरदान साबित हो सकता है। स्लीप मेडिटेशन की मदद से आप अपनी बॉडी और माइंड को सोने के लिए तैयार कर सकते हैं। स्लीप मेडिटेशन आपकी मेंटल हेल्थ के लिए भी काफी ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकता है।
स्लीप मेडिटेशन करने का तरीका
स्लीप मेडिटेशन कई तरीके के हो सकते हैं। रात में सोने से पहले गहरी-गहरी सांस लेकर सांसों पर ध्यान लगाने से आप अपने माइंड को रिलैक्स कर सकते हैं जिससे आपको नींद आ सकती है। इसके अलावा आप विजुअलाइजेशन की मदद से भी अनिद्रा की समस्या को काफी हद तक दूर कर सकते हैं। बॉडी स्कैनिंग, ब्रेथ वर्क और प्रोग्रेसिव मसल रिलैक्सेशन भी स्लीप मेडिटेशन के कुछ टूल हो सकते हैं।
इम्प्रूव होगी स्लीप क्वालिटी
अगर आप रेगुलरली सोने से पहले स्लीप मेडिटेशन का अभ्यास करते हैं तो आपकी स्लीप क्वालिटी को काफी हद तक इम्प्रूव किया जा सकता है। नींद की समस्या से लेकर स्ट्रेस, एंग्जायटी और डिप्रेशन जैसी समस्याओं तक, स्लीप मेडिटेशन कई दिक्कतों का रामबाण इलाज साबित हो सकता है। स्लीप मेडिटेशन की मदद से आपकी बॉडी और आपका माइंड, दोनों रिलैक्स महसूस कर पाते हैं। बेहतर परिणाम हासिल करने के लिए आपको हर रोज स्लीप मेडिटेशन की प्रैक्टिस के नियम को तोड़ना नहीं है।
गौर करने वाली बात
अगर आप वाकई में 7-8 घंटे सुकून से सोना चाहते हैं, तो आपको सोने से कम से कम दो घंटे पहले स्क्रीन्स से दूरी बना लेनी चाहिए। इसके अलावा सोते समय आपको अपने कमरे में अंधेरा और शांति बनाए रखने की कोशिश करनी चाहिए। हर रोज स्लीप मेडिटेशन की प्रैक्टिस करें और महज कुछ ही हफ्तों के अंदर आपको खुद-ब-खुद पॉजिटिव असर दिखाई देने लगेगा।
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