टीनएज में बच्चों को संभालना पैरेंट्स के लिए काफी ज्यादा मुश्किल होता है। लेकिन इस नाजुक उम्र में बच्चों को बिगड़ने से रोकना हर पैरेंट की जिम्मेदारी होती है। अगर आपने अपने टीनएजर बच्चे की परवरिश के दौरान इस तरह की टिप्स को फॉलो नहीं किया तो हो सकता है कि आपके और आपके बच्चे के रिश्ते में दूरियां पैदा होने लगें। आइए कुछ ऐसी पैरेंटिंग टिप्स के बारे में जानते हैं जो टीनएज में बच्चों की परवरिश के दौरान काफी काम की साबित हो सकती हैं।
थोड़ा प्यार, थोड़ी सख्ती
कुछ पैरेंट्स अपने टीनएजर बच्चों के साथ ज्यादा सख्ती बरतते दिखाई देते हैं, तो वहीं कुछ पैरेंट्स बच्चों को जरूरत से ज्यादा ढील दे देते हैं। आपको प्यार और सख्ती के बीच में संतुलन बनाकर रखना चाहिए। ज्यादा प्यार हो या फिर ज्यादा सख्ती, दोनों ही आपके बच्चे के फ्यूचर के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती हैं।
जरूरी है दोस्ती करना
टीनएज बहुत ही नाजुक उम्र होती है। इस उम्र में बच्चे के भटकने का सबसे ज्यादा डर रहता है। अगर आप अपने बच्चे के साथ दोस्ती का रिश्ता बनाने की कोशिश करेंगे तो बच्चा आपको अपनी कोई भी बात बताने में झिझक महसूस नहीं करेगा। अगर आप बच्चे के दोस्त नहीं बन पाए, तो बच्चा आपसे बातें छुपाने लगेगा और हो सकता है कि वो गलत राह पर भटक जाए।
बच्चों को समझने की कोशिश करें
आपको अपने टीनएज बच्चे के मूड स्विंग्स को समझने की कोशिश करनी चाहिए। अक्सर पैरेंट्स ये भूल जाते हैं कि वो भी कभी उम्र के इस पड़ाव से गुजरे थे। अगर आप अपनी टीनएज को याद करेंगे तो आपको अपने बच्चों को समझने में ज्यादा दिक्कत नहीं होगी। इस उम्र में मूड स्विंग्स होना भी नॉर्मल है। इसलिए बच्चों के मूड स्विंग्स पर गुस्सा करने की जगह उनके बर्ताव को समझने की कोशिश कीजिए।
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