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सुसाइड करने के ख्याल आएं तो कैसे करें विचारों को कंट्रोल, जानिए कैसे आप इस स्थिति से निकल सकते हैं?

World Suicide Prevention Day 2024: 10 सितंबर को विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस मनाया जाता है। दुनियाभर में हर साल न जाने कितने लोग सुसाइड करते हैं। टेंशन, स्ट्रेस और कई दूसरे कारणों के चलते लोग अपनी जिंदगी खत्म कर लेते हैं। डिप्रेशन में कई बार आत्महत्या करने के ख्याल आते हैं। जानिए इस स्थिति से कैसे निपटा जाए?

World Suicide Prevention Day 2024- India TV Hindi Image Source : FREEPIK World Suicide Prevention Day 2024

अनजाने लोगों को हर सू चलता फिरता देख रहा हूं, कैसी भीड़ है फिर भी खुद को तन्हा तन्हा देख रहा हूं'' जी हां आजकल लोग लाखों की भीड़ के बीच भी अकेले हैं। महानगरों में लाखों लोग इस अकेलेपन के कारण तनाव से भरी जिंदगी जी रहे हैं। कई बार ये तनाव डिप्रेशन का कारण बन जाता है। डिप्रेशन के कारण लोगों के मन में सुसाइड करने तक के ख्याल आने लगते हैं। इस स्थिति को हैंडल करना और इससे निकलना आसान नहीं है। ऐसे में आपको खुद को मजबूत बनाते हुए इस स्थिति से बाहर निकलने की जरूरत है। क्योंकि जिंदगी को खत्म करना किसी भी समस्या का हल नहीं है। आइये जानते हैं कभी आपके मन में आत्महत्या जैसे ख्याल आएं तो इन विचारों को कैसे कंट्रोल करें और इस स्थिति से कैसे निकलें?

क्यों आते हैं सुसाइड करने के ख्याल 

  • टेंशन और स्ट्रेस बढ़ना
  • किसी परिस्थिति में एडजस्ट न कर पाना
  • किसी सिचुएशन को हैंडल नहीं कर पाना
  • जिंदगी से निराश हो जाना
  • बहुत ज्यादा नशा करना 
  • किसी तरह की हीन भावना होना
  • फैमिली में आत्महत्या की हिस्ट्री
  • कोई गंभीर बीमारी हो जाना 
  • सामाजिक रूप से अलग महसूस करना

सुसाइड करने का ख्याल आए तो क्या करें?

दिमाग को बदलें- अगर कभी ऐसा सुसाइड करने का ख्याल आए तो सबसे पहले उस कंडीशन से निकलें। उस वक्त के लिए अपने विचारों को फुल स्टॉप लगा दें और जो करने जा रहे हैं उसे कुछ समय के लिए टाल दें। उस कमरे या जगह से निकलें। बार खुले वातावरण में आएं और गहरी सांस लें। अपने इमोशन को किसी के साथ शेयर करें। अगर कोई नहीं है तो खुद से ही खुलकर बात करें। जी में आए तो रो लें या चिल्ला लें। इससे आप उस स्थिति पर आत्महत्या के निर्णय को टाल सकते हैं।

लोगों से बात करें- डिप्रेशन और तनाव के कारण लोग कई बार खुद को दूसरों से अलग कर लेते हैं। ऐसी स्थिति में जब आप अपने विचारों पर कंट्रोल नहीं कर पाते हैं और खुद को अकेला पाते हैं तो सुसाइड के ख्याल आने लगते हैं। ऐसी स्थिति में अपने परिवार और नजदीकी लोगों से जुड़ें। अगर कोई विचार आ रहा है तो उसे शेयर करें। अपनी समस्या के बारे में खुलकर बात करें। अपनी फैमिली, दोस्त या किसी भी व्यक्ति से अपनी टेंशन को शेयर करें।

ध्यान और मेडिटेशन करें- रोजाना कुछ देर ध्यान और मेडिटेशन जरूर करें। इससे दिमाग रिलेक्स होता है और नेगेटिव विचार दूर होते हैं। अपना रुटीन बनाएं और किसी भी तरह की कोई एक्सरसाइज जरूर करें। इससे कार्टिसोल का लेवल कम होता है और दिमाग में हैप्पी हार्मोंस बढ़ने लगते हैं। स्ट्रेस और नेगेटिव विचारों से निकलने के लिए ये जरूरी है।

रुटीन फॉलो करें- जब भी कभी इस स्थिति में खुद को पाएं तो अपनी एक दिनचर्या सेट करें। हेल्दी डाइट लें और इससे आपके अंदर हैप्पी हार्मोंस बढ़ते हैं। समय पर सोने और जागने का रुटीन बनाएं। नहाने से लेकर खाने तक दिन के सारे कामों को समय पर करने की कोशिश करें। इससे आप खुद को काफी पॉजेटिव फील करेंगे।

लाइफ में गोल सेट करें- अगर आप डिप्रेशन से निकल गए हैं, लेकिन अभी भी लाइफ रुटीन में नहीं आई है तो जिंदगी में कोई न कोई गोल बनाएं। अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए मेहनत करें। इससे आपके अंदर सकारात्मक विचार आएंगे। बिना किसी की परवाह किए आप अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ते रहें।

 

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