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Hindi News लाइफस्टाइल फीचर Fathers Day 2022: कलयुग का श्रवण कुमार बन गया ये बेटा, पिता के लिए किया ऐसा काम आज भी लोग करते हैं याद

Fathers Day 2022: कलयुग का श्रवण कुमार बन गया ये बेटा, पिता के लिए किया ऐसा काम आज भी लोग करते हैं याद

बिहार के मधुबनी जिले के कलुआही प्रखंड के नरार पंचायत के वार्ड नंबर 2 में गांव की सड़क पर पुल नहीं होने से बरसात के मौसम में गांव के लोगों का गांव से बाहर निकलना मुश्किल हो जाता था।

कलयुग का श्रवण कुमार- India TV Hindi Image Source : TWITTER कलयुग का श्रवण कुमार

Highlights

  • कलयुग के दौर में इस बेटे ने किया श्रवण कुमार वाला काम
  • पिता की आखिरी इच्छा पूरी कर बनवाया गांव में पुल

Fathers Day 2022: कलयुग के इस दौर में बच्चों का अपने माता-पिता से एक उम्र के बाद लगाव कम होने लगता है। हांलाकि इसी कलयुग के दौर में एक ऐसी मिसाल देखने को मिली है। जहां एक बेटे ने अपने पिता की अंतिम इच्छा पूरी की है। बेटे ने पिता का आखिरी सपना पूरा करने के लिए गांव में पुल का निर्माण करवा दिया। 

बिहार के मधुबनी जिले के कलुआही प्रखंड के नरार पंचायत के वार्ड नंबर 2 में गांव की सड़क पर पुल नहीं होने से बरसात के मौसम में गांव के लोगों का गांव से बाहर निकलना मुश्किल हो जाता था, लेकिन एक बेटे ने इस समस्या को निजी तौर पर लेते हुए न केवल इश परेशानी को हल किया, बल्कि 5 लाख की लागत से पुल का निर्माण भी करवा दिया।

पंचायत में पूर्व उपसरपंच विजय प्रकाश झा उर्फ सुधीर झा ने अपने दिवंगत पिता महादेव झा की याद में ये काम किया है। दरअसल सुधीर के पिचा गांव के लोगों की परेशानी से परेशान थे। वह इस समस्या को खत्म करना चाहते थे। लेकिन उनके निधन के बाद अपने पिता के इस सपने को बेटे ने पूरा किया है। 

हांलाकि निधन से पहले महादेव झा ने अपनी पत्नी और बेटे सुधीर झा से कहा कि – “उनके निधन के बाद श्राद्ध भोज और कर्मकांड पर लाखों रुपये खर्च करने की बजाय गांव की सड़क पर पुल का निर्माण करवाएं”।  बहरहाल सुधीर झा ने अपने दिवंगत पिता के सपने को साकार करते हुए गांव की सड़क पर 5 लाख की लागत से पुल का निर्माण करवाया है।

बता दें -  महादेव झा का देहांत 16 मई 2020 को हुआ था। बेटे ने अपने पिता के बारे में बात करते हुए कहा कि - उनके पिता एक दिन बरसात के समय में अपने बगीचे एवं खेत देखने जा रहे थे। उसी बीच रास्ते में सड़क पर गड्ढे में पुल नहीं होने से वह कीचड़ भरे पानी में फिसल कर गिर पड़े। उस समय उनको इस बात का काफी दुख महसूस हुआ।

दिवंगत महादेव झा के छोटे भाई महावीर झा ने कहा कि गांव की सड़क पर पुल बन जाने से यहां से गुजरने वाले राहगीरों को काफी राहत मिली है, खासकर किसानों को अब कमर तक पानी में तैरकर अपने खेत पहुंचने की समस्या से निजात मिल गई है। 

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