हर माता पिता का सपना होता है कि उसका बच्चा सबसे ज्यादा होशियार, समझदार और सर्वगुण संपन्न हो। इसके लिए आपकी परवरिश अच्छी होनी चाहिए। बच्चा वही सीखता है जो आप उसे सिखाते हैं। इसलिए सबसे पहले आपको खुद को बदलने की जरूरत है। अगर आप चाहते हैं कि आपके बच्चे पर सभी को नाज हो तो इसके लिए सबसे जरूरी है कि बचपन से ही कुछ अच्छी आदतें बच्चों के अंदर डाली जाएं। जिससे बच्चे को सही गलत के बारे में पता हो। इन आदतों को जीवन में उतारने के बाद बच्चा एक बेहतर इंसान बने। बच्चे का बर्ताव ऐसा हो कि सभी उसकी प्रशंसा करें। जानिए ऐसी कौन सी 5 आदतें है जो आपको बच्चे को बचपन से ही सिखाना जरूरी है।
बच्चों को जरूर सिखाएं ये 5 आदतें
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बीच में न बोलें- बच्चों को बातचीत के नियम और तौर-तरीके जरूर सिखाएं। बच्चों को बताएं कि जब दो लोग आपस में बात कर रहे हो तो उन्हें बीच में नहीं बोलना चाहिए। किसी को ऐसे डिस्टर्ब करना गलत आदत मानी जाती है। अगर आपको कुछ बीच में कहना है तो उनकी बाच बंद होने का इंतजार करें। इससे बच्चों में पेशेंस बढ़ता है और लिसनिंग स्किल अच्छे होते हैं। अगर कुछ कहना है तो एक्सक्यूजमी बोलकर कहें।
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बात करने के मैनर्स सिखाएं- घर में जैसी भाषा या बोलचाल के शब्द इस्तेमाल किए जाते हैं बच्चे वही सीखते हैं। इसलिए जरूरी है कि बच्चों को सभी के साथ इज्जत से बात करना सिखाएं। बचपन से ही विनम्रता के साथ बिना चीखे और चिल्लाए बोलना सिखाएं। सभी से आप कहकर बात करना सिखाएं। इसके लिए आप भी अच्छी भाषा और बर्ताव का इस्तेमाल करें।
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परमिशन लेना है जरूरी- बच्चों के सिखाएं कि अगर आप किसी के घर जा रहे हैं तो बिना परमिशन के कोई चीज न छूएं। इससे बच्चे लोगों की बॉन्ड्रीज को रिस्पेक्ट करना सीखेंगे। अगर कोई नहीं चाह रहा है तो किसी के घर में एंट्री न करें। किसी के घर जा रहे हैं तो हर काम पूछकर करें। इसकी शुरुआत आपको अपने घर से और खुद से ही करनी चाहिए।
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चीजों को अरेंज करके रखें- बच्चों को चीजों को अरेंज करना सिखाएं, जैसे अपने कपड़े, खिलौने, जूते और किताबें अपनी जगह पर रखें। अगर किसी के घर जा रहे हैं तो खेलने के बाद खिलौनों को उनकी सही जगह पर वापस रखें। पढ़ाई के लिए किताबें निकाल रहे हैं तो उन्हें जगह पर रखें। बच्चे को घर और बाहर दोनों जगह ये आदतें अपनाने के लिए प्रेरित करें।
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शेयर करना सिखाएं- बच्चों को चीजें शेयर करना जरूर सिखाएं। आजकल सिंगल चाइल्ड में शेयर करने की फीलिंग नहीं होती है। बड़े होने पर इस आदत की वजह से आपको शर्मिंदा होना पड़ सकता है। बचपन से ही बच्चे को शेयरिंग और केयरिंग वाली बातें सिखाएं। इससे बच्चे में सेंस ऑफ केयर की फीलिंग आएगी।
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