5 सितंबर को देशभर में शिक्षक दिवस मनाया जाता है। इस दिन बच्चे टीचर को विश करते हैं और उन्हें उपहार भी देते हैं। स्टूडेंट्स इस दिन अपने टीचर को मार्गदर्शन देने और जीवन की शिक्षा देने के लिए शुक्रिया अदा करते हैं। लेकिन इस कोरोना काल में टीचर्स का रोल किसी योद्धा से कम नहीं है। आइए हम बात करते हैं कि टीचर्स को इस कोरोना काल में क्या क्या दिक्कतें आ रही हैं।
शिफ्ट से ज्यादा करना पड़ रहा है काम
क्लासरूम में जहां टीचर एक साथ कई सारे बच्चों को पढ़ा सकते थे ऑनलाइन की वजह से ये लिमिटेड हो गया है ऐसे में टीचर्स का समय फिक्स नहीं है। उन्हें शिफ्ट से ज्यादा काम भी करना पड़ता है।
बच्चे सीख पा रहे हैं या नहीं?
ऑनलाइन टीचिंग कर रहे शिक्षकों के लिए सबसे बड़ी समस्या ये है कि जो वो सिखा रहे हैं वो बच्चे सीख भी पा रहे हैं या नहीं। सामने वो बच्चे का फीडबैक ले लेते थे, ऐसे हर बच्चों का फीडबैक लेना पॉसिबल नहीं हो पाता है, ऐसे में उनका सिखाया बच्चा कितना समझ रहा है ये पता लगा पाना भी मुश्किल है। छोटे क्लास के बच्चों के लिए ये समस्या ज्यादा है।
टेक्नॉलजी से कम फ्रेंडली
कुछ शिक्षक ऐसे भी हैं जिन्हें टेक्नॉलजी से उतने फ्रेंडली नहीं हैं, ऐसे में उन्हें ऑनलाइन क्लास लेने में दिक्कतें आ जाती हैं। इसिलए क्लास देने से पहले उन्हें खुद क्लास लेनी भी पड़ती है।
सैलरी पूरी तरह नहीं मिल रही
कोरोना काल में जहां हर तरफ आर्थिक मंदी छाई है वहीं टीचर्स की जिंदगी में भी इसका काफी असर पड़ा है। रेगुलर क्लास ना होने की वजह से उन्हें उनकी सैलरी भी पूरी नहीं मिल रही है। जिससे टीचर्स को दिक्कतें होना लाजिमी है।
मां बाप की टोका टोकी
स्कूल में टीचर फ्री होकर पढ़ा पाता है, लेकिन ऑनलाइन क्लासेज में बच्चों के पैरेंट्स कई बार टोका टाकी करने या तांक झांक करने आ जाते हैं, जिससे पूरी क्लास डिस्टर्ब हो जाती है।
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