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दुनिया का सबसे दौलतमंद मंदिर है पद्मानाभस्वामी मंदिर, क्या है सातवें दरवाजे का रहस्य

केरल के 5000 ने ऐतिहासिक भगवान विष्णु के मंदिर को देश के सबसे अमीर मंदिरों में गिना जाता है। जानिए इस मंदिर की खासियत और 7वें दरवाजे से जुड़ी दिलचस्प बातें।

Padmanabhaswamy Temple- India TV Hindi Image Source : TWITTER/DIVYA SHARMA Padmanabhaswamy Temple

केरल के 5000 साल पुराने ऐतिहासिक भगवान विष्‍णु के मंदिर को देश के सबसे अमीर मंदिरों में गिना जाता है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मंदिर को लेकर सोमवार को अपना फैसला सुनाते हुए मंदिर पर त्रावणकोर के शाही परिवार के अधिकार को बरकरार रखा है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद से पद्मनाभस्वामी मंदिर एक बार फिर से चर्चा में है। जानें ये मंदिर देश के सबसे अमीर मंदिरों में से क्यों हैं, और ये मंदिर इतना मशहूर क्यों है।
 
श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर को देश के सबसे धनी मंदिरों में गिना जाता है। इस भव्य मंदिर का मौजूदा स्‍वरूप में पुनर्निर्माण 18वीं सदी में त्रावणकोर शाही परिवार ने करवाया था। त्रावणकोर शाही परिवार 1947 में भारतीय संघ में विलय से पहले दक्षिणी केरल और उससे लगे तमिलनाडु के कुछ भागों पर शासन करता था। 

Image Source : Twitter/INDIAN!Padmanabhaswamy Temple

अबतक नहीं खुला है मंदिर का सातवां दरवाजा
ऐसा माना जाता है कि मंदिर के गुप्त तहखानों में इतना खजाना छिपा हुआ है, जिसका कोई अंदाजा भी नहीं लगा सकता। ऐसे ही छह तहखानों के छह दरवाजे खोले जा चुके हैं लेकिन सातवां दरवाजा अब भी बंद है। इतिहासकार डा. एल.ए. रवि वर्मा के मुताबिक मंदिर लगभग 5000 साल पुराना है। साल 1750 में महाराज मार्तंड वर्मा ने खुद को पद्मनाभ दास घोषित कर दिया। इसके बाद पूरा का पूरा राजघराना मंदिर की सेवा में जुट गया। शाही घराने के अधीन एक प्राइवेट ट्रस्ट मंदिर की देखरेख करता आया है।

1 लाख करोड़ रुपए की संपत्ति का चल चुका है पता
विष्णु को समर्पित इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि राजाओं ने यहां अथाह संपत्ति छिपाकर रखी है। मंदिर में 7 गुप्त तहखाने हैं और हर तहखाने से जुड़ा हुआ एक दरवाजा है। सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एक के बाद एक छह तहखाने खोले गए। यहां से कुल मिलाकर 1 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा कीमत के सोने-हीरे के आभूषण, हथियार और अन्‍य संपत्ति मिल चुकी है, जो मंदिर ट्रस्ट के पास जमा कराई गई है। 

Image Source : Twitter/PHIL STONE Padmanabhaswamy Temple

इस वजह से अभी तक नहीं खुला 7वां दरवाजा
पद्मनाभस्वामी मंदिर के 7 दरवाजे हैं। अभी तक 6 दरवाजे खोले जा चुके हैं लेकिन सातवें दरवाजे को खोलने की कोशिश कई बार बेकार गई। सातवें दरवाजे के ऊपर नाग की भव्य आकृति खुदी हुई है। माना जाता है कि इस दरवाजे की रक्षा खुद भगवान विष्णु के अवतार नाग कर रहे हैं।इतिहासकार और सैलानी एमिली हैच ने अपनी किताब त्रावणकोर: ए गाइड बुक फॉर दि विजिटर्स में इस मंदिर के दरवाजे से जुड़ा संस्मरण लिखा है। वे लिखती हैं कि साल 1931 में इसके दरवाजे को खोलने की कोशिश की जा रही थी तो हजारों नागों ने मंदिर के तहखाने को घेर लिया। इससे पहले साल 1908 में भी ऐसा हो चुका है।

दरवाजे को खोलने पर एक भी गलती हो सकती है जानलेवा
कहा जाता है इस सांतवें दरवाजे को नाग बंधक या नाग पाशक मंत्रों से बंद किया गया है। इसे केवल गरुड़ मंत्र का ठीक तरह से उच्चारण करके ही खोला जा सकता है। अगर इसे खोलने में कोई भी चूक हो गई तो मृत्यु निश्चित मानी जाती है। कहा जाता है अभी तक कोई ऐसा सिद्ध पुरुष नहीं मिला है जो कि इस मंदिर के 7वें दरवाजे की गुत्थी को सुलझा सके। 

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