हर कोई नहीं बना सकता राष्ट्रीय ध्वज, इस एक कंपनी के पास हैं तिरंगा बनाने का कॉन्ट्रेक्ट
अगर आपको लगता है कि कोई भी कंपनी तिरंगा झंडा बना सकती है तो आप गलत हैं। भारतीय ध्वज बनाने का अधिकार केवल एक कंपनी के पास है।
आज देश भर में 71वां गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा है। ऐसे में देश की राजधानी दिल्ली में राजपथ पर देश की शान बान और आन के प्रतीक के तौर पर राष्ट्रीय ध्वज को फहराया जाएगा। राष्ट्रीय ध्वज यानी तिरंगा कहां बनता है, इसे कौन कौन बना सकता है। इसे कौन आधिकारिक रूप से इस्तेमाल कर सकता है। ऐसी ही कुछ जिज्ञासाओं को आज शांत करते हैं औऱ झंडे की कुछ जरूरी जानकारी आपके साथ शेयर करते हैं।
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कहां बनता है राष्ट्रीय ध्वज
देश का आधिकारिक झंडा बनाने का अधिकार सिर्फ एक कंपनी के पास है। यानी सरकारी समारोहों और बड़े कार्यक्रमों में फहराए जाने वाले झंडों को बनाने का कॉन्ट्रेक कर्नाटक खादी ग्रामोद्वोग संयुक्त संघ (फेडरेशन) के पास है। ये खादी व विलेज इंडस्ट्रीज कमीशन द्वारा सर्टिफाइड देश की अकेली ऑथराइज्ड नेशनल राष्ट्रीय ध्वज निर्माता यूनिट है।
ये कंपनी हुबली के बेंगेरी इलाके में स्थित है और इसे हुबली यूनिट भी कहा जाता है।
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कौन कौन सा तिरंगा झंडा है आधिकारिक
सरकारी मीटिंग्स और कॉन्फ्रेंस आदि में टेबल पर रखा जाने वाले छोटे से झंडे को भी आधिकारिक महत्व प्राप्त है।
संवैधानिक पदों पर बैठे माननीयों की वीवीआईपी कारों के लिए और राष्ट्रपति के वीवीआईपी एयरक्राफ्ट और ट्रेन के लिए भी आधिकारिक झंडा उपयोग होता है।
संसद और मंत्रालयों के कमरों में क्रॉस बार पर दिखने वाले झंडे भी आधिकारिक होते हैं।
सरकारी दफ्तरों और छोटी इमारतों पर लगने वाले झंडों को भी आधिकारिक दर्जा प्राप्त है।
इतना ही नहीं शहीद सैनिकों के पार्थिव शरीर पर ढकने के लिए भी आधिकारिक ध्वज का इस्तेमाल होता है।
परेड करने वाले सैनिकों के गन कैरिएज पर लगा झंडा भी आधिकारिक है।
लाल किले, इंडिया गेट, राष्ट्रीय संग्रहालयों, संसद भवन राष्ट्रपति भवन पर लगने वाले झंडे भी आधिकारिक हैं।