आज देशभर में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जा रहा है। स्वतंत्र भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद के जन्मदिन के मौके को इस रूप में मनाया जाता है। आपको बता दें कि मौलाना अबुल कलाम आजाद का जन्म 11 नवंबर 1888 में हुआ था। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में काफी योगदान दिया। जिसके कारण हर साल उनके जन्मदिन को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है।
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस की शुरुआत मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा 11 सितंबर 2008 को घोषणा की गई थी। जिसके बाद 11 नवंबर 2008 से हर साल इस दिवस को मनाया जाता है।
भारत रत्न से सम्मानित मौलाना अबुल कलाम आजाद 15 अगस्त 1747 से 2 फरवरी 1958 तक शिक्षामंत्री रहें। उन्होंने न केवल महिलाओं की शिक्षा पर जोर दिया बल्कि 14 साल की कम आयु के बच्चों के लिए निशुल्क सार्वभौमिक प्राथमिक शिक्षा की शुरुआत की।
उन्होंने फाइन आर्ट्स के विकास के लिए तीन संस्थाओं की स्थापना की जोकि संगीत नाटक अकादमी, साहित्य अकादमी और ललित कला अकादमी है। इसके अलावा मौलाना आजाद ने कई आयोग और बोर्ड का गठन किया। जिसमें यूजीसी, खड़गपुर इंस्टीट्यूट ऑफ हायर एजुकेशन, द यूनिवर्सिटी एजुकेशन कमीशन, द सेकेंड्री एजुकेशन कमीशन और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) प्रमुख है।
मौलाना अब्दुल ने इसके अलावा आईआईएससी, जामिया मिलिया इस्लामिया और खड़कपुर की आईआईटी की स्थापना भी की।
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