नई दिल्ली: हॉलीवुड अभिनेता माइकल जे. फॉक्स ने स्पाइनल कॉर्ड संबंधी नई स्वास्थ्य समस्या का खुलासा किया है। वह पार्किन्संस रोग से भी जूझ रहे हैं। साल 1991 में फॉक्स जब 29 साल के थे तब उन्हें पार्किन्संस बीमारी होने का पता चला। फिल्म 'बैक टू द फ्यूचर' के अभिनेता ने सात साल बाद लोगों को अपनी इस बीमारी के बारे में बताया।
'फॉक्सन्यूज डॉट कॉम' के मुताबिक, समाचार पत्र द न्यूयॉर्क टाइम्स को दिए साक्षात्कार में 57 वर्षीय अभिनेता ने स्पाइनल सर्जरी के बारे में बात की। पिछले साल अप्रैल में यह सर्जरी हुई। पार्किन्संस से इसका लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा, "मुझे स्पाइनल कॉर्ड (रीढ़ की हड्डी से संबंधित) समस्या बार-बार हो रही थी।"
फॉक्स ने कहा, "मुझे बताया गया कि यह ज्यादा गंभीर नहीं है लेकिन अगर मैं इसका इलाज नहीं कराता तो मेरे पैरों पर असर पड़ता और चलने-फिरने में मुश्किल होती फिर अचानक से मैं चलने क दौरान बहुत ज्यादा गिरने लगा। आखिर में सर्जरी कराना जरूरी हो गया तो मैंने सर्जरी कराई। इसके बाद कई फिजीकल थेरेपी हुईष मैंने यह सब किया और आखिरकार लोगों ने मुझसे अभिनय की दुनिया में कुछ करने के लिए कहा।"
अभिनेता ने खुलासा किया कि अगस्त में जब वह वापसी करने वाले थे तभी ब्रेकफास्ट के लिए जाते समय वह किचन में गिर पड़े और उनकी बांह में फ्रैक्चर हो गया। फॉक्स ने कहा कि वह कुछ चीजों को लेकर आशावादी रहे हैं और उन्होंने असफलता को समान महत्व नहीं दिया। पार्किन्संस का इलाड खोजने के लिए फॉक्स ने 2000 में माइकल जे. फॉक्स फाउंडेशन शुरू किया।
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