Lal Bahadur Shastri Jayanti: लाल बहादुर शास्त्री ने दिया था 'जय जवान, जय किसान' का नारा, जरूर पढ़ें उनके ये अनमोल विचार
'जय जवान, जय किसान' नारा से पूरे देश में एक नई लहर का उदय करने वाले भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की आज जयंती है।
'जय जवान, जय किसान' नारा से पूरे देश में एक नई लहर का उदय करने वाले भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की आज जयंती है। अपनी कुशल नेतृत्व क्षमता, क्रांतिकारी व्यक्तित्व और जन कल्याणी विचारों के लिए हमेशा वह दिल में रहते हैं।
लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर 1904 को आज के उत्तर प्रदेश के मुगलसराय में हुआ था। वह अपने देश और देशवासियों के सम्मान और रक्षा के लिए कुछ भी करने को तैयार थे, जो कि उनके व्यक्तित्व को महान बनाता है। आपको बता दें कि इसी के चलते उन्होंने देश को मुसीबत से निकालने के लिए भोजन करना भी छोड़ दिया था और साथ ही वेतन लेने से भी मना कर दिया था।
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लाल बहादुर शास्त्री ने लोगों के सामने कई ऐसे विचार रखें जिसका पालन करके आपको एक सही और सफलता भरे मार्ग में चलने की प्रेरणा मिलेगी। पढ़ें उनके कुछ मार्गदर्शन करने वाले अनमोल विचार।
लाल बहादुर शास्त्री के अनमोल विचार
जय जवान, जय किसान
जब स्वतंत्रता और अखंडता खतरे में हो, तो पूरी शक्ति से उस चुनौती का मुकाबला करना ही एकमात्र कर्त्तव्य होता है, हमें एक साथ मिलकर किसी भी प्रकार के अपेक्षित बलिदान के लिए दृढ़तापूर्वक तत्पर रहना है।"
यदि लगातार झगड़े होते रहेंगे तथा शत्रुता होती रहेगी तो हमारी जनता को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। परस्पर लड़ने की बजाय हमें गरीबी, बीमारी और अज्ञानता से लड़ना चाहिए। दोनों देशों की आम जनता की समस्याएं, आशाएं और आकांक्षाएं एक समान हैं। उन्हें लड़ाई-झगड़ा और गोला-बारूद नहीं, बल्कि रोटी, कपड़ा और मकान की आवश्यकता है।"
लोगो को सच्चा लोकतंत्र और स्वराज कभी भी हिंसा और असत्य से प्राप्त नहीं हो सकता।
क़ानून का सम्मान किया जाना चाहिए ताकि हमारे लोकतंत्र की बुनियादी संरचना बरकरार रहे और, और भी मजबूत बने।
यदि कोई एक व्यक्ति भी ऐसा रह गया जिसे किसी रूप में अछूत कहा जाए तो भारत को अपना सर शर्म से झुकाना पड़ेगा।
आज़ादी की रक्षा केवल सैनिकों का काम नही है, पूरे देश को मजबूत होना होगा।
हमारा रास्ता सीधा और स्पष्ट है। अपने देश में सबके लिए स्वतंत्रता और संपन्नता के साथ समाजवादी लोकतंत्र की स्थापना और अन्य सभी देशों के साथ विश्व शांति और मित्रता का संबंध रखना।
देश की तरक्की के लिए हमें आपस में लड़ने के बजाए गरीबी, बीमारी, अशिक्षा और अज्ञानता से लड़ना होगा।