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Hindi News लाइफस्टाइल फीचर International Men's Day: ...क्योंकि मर्द है तो दर्द भी होगा, जानिए वो पांच चीजें जो करने से कतराते हैं पुरुष

International Men's Day: ...क्योंकि मर्द है तो दर्द भी होगा, जानिए वो पांच चीजें जो करने से कतराते हैं पुरुष

मर्द को दर्द नहीं होता, वो रो नहीं सकता, डर नहीं सकता, कमाना और परिवार की रक्षा करना उसका कर्तव्य है...ऐसे ही अनगिनत स्टीरियो टाइप हैं।

International Men Day- India TV Hindi 19 नवंबर को इंटरनेशनल मेन्स डे सेलिब्रेट किया जाता है

आज पुरुष दिवस है, पुरुषार्थ की घिसी पिटी कहानियों और मर्दों को होने वाली बीमारियों से इतर आज हम बात कर रहे हैं मर्द के उस दिल की, जो मर्द नाम के टैग के चलते मुरझा और पथरा गया है। मर्द को दर्द नहीं होता, वो रो नहीं सकता, डर नहीं सकता, कमाना और परिवार की रक्षा करना उसका कर्तव्य है...ऐसे ही अनगिनत स्टीरियो टाइप कर्तव्य, उसके अपने सॉफ्ट जॉनर को तबाह कर चुके हैं।
 
हाल ही में आयुष्मान खुराना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था, जिसमें उन्होंने लोगों से सवाल किया था कि जेंटलमैन किसे कहते हैं? उन्होंने कहा कि मर्द का एक स्टीरियोटाइप है। वो रो नहीं सकते। कमजोर नहीं दिख सकते। इमोशनल नहीं हो सकते। लड़कियों को बचाना और गृहस्थी को चलाना अच्छे मर्द की पहचान है। आयुष्मान ने और भी बहुत कुछ कहा, लेकिन उन्होंने जो भी कहा, उसमें काफी हद तक सच्चाई है। हमारे समाज में सदियों से परंपरा चली आ रही है कि अगर आप लड़की के लिए कुर्सी खीचेंगे या कार का दरवाजा खोलेंगे तो तभी आपको अच्छा माना जाएगा। अगर घर का काम करने या खाना बनाने लगे तो आप पर उंगली उठनी शुरू हो जाएगी। यही वजह है कि ऐसी कितनी सारी बातें हैं, जो लड़के चाहकर भी बता नहीं पाते, क्योंकि उन्हें हमेशा यही सिखाया गया है कि 'मर्द को दर्द नहीं होता!'

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1. मर्द होकर रोते हो, लोग क्या कहेंगे?
 
मर्दों को लेकर सदियों से एक स्टीरियोटाइप चला आ रहा है कि आप किसी के सामने रो नहीं सकते। भले ही आपके अंदर कितना ही गुबार क्यों ना भरा हो, जो रोने पर बाहर निकल जाएगा। रोने के बाद आप अंदर से अच्छा फील करने लगेंगे, लेकिन क्यों आप मर्द हो, इसलिए आप रो नहीं सकते। और अगर आपने गलती से भी ऐसा किया तो कहा जाता है, 'क्या लड़कियों जैसे रो रहे हो... ये तुम्हें शोभा नहीं देता.. क्योंकि तुम लड़के हो.. और लड़के रोते नहीं हैं।'
 
2. मर्द होकर डरता है, शर्म आनी चाहिए!
 
सिर्फ लड़कियों को ही देर रात घर से बाहर निकलने पर डर नहीं लगता। लड़कों को भी लगता है, लेकिन वो बता नहीं सकते। कई बार बस या ट्रेन में आप थके होते हैं, लेकिन किसी महिला या लड़की को देखकर उसे सीट ऑफर कर देते हैं, क्यों! क्योंकि आप लड़के हैं और आप थक नहीं सकते। जिंदगी में कई बार दुखद या अप्रिय घटनाएं हो जाती हैं, लेकिन आप किसी के सामने उसे बयां नहीं कर पाते, क्योंकि आप कमज़ोर दिखने लगेंगे, लेकिन आप ऐसा नहीं दिख सकते, क्यों! क्योंकि 'आप मर्द हैं।' 

 
3. मर्द के कंधों पर घर की जिम्मेदारी
 
कॉलेज की पढ़ाई करने के दौरान ही आपके मन में ये विचार कौंधने लगते हैं कि अब तो घर संभालना है! अच्छी जगह जॉब ढूंढनी होगी। ज्यादा कमाना होगा, क्योंकि तभी गृहस्थी चल पाएगी। जॉब लगने के बाद जब शादी होती है, तब ये जिम्मेदारियां और बढ़ जाती हैं। शुरुआत से ही ये माना जाता है कि लड़कों को ही सारी जिम्मेदारियां निभानी है। इसी दबाव में कई बार लड़कों को अपने सपने.. अपनी इच्छाएं भी दबानी पड़ती हैं, क्योंकि अगर वो अपने सपने जीने लगा तो घर कौन संभालेगा!
 
4. जिम जाया करो, माचो मैन बनना है
 
पतले-दुबले लड़के को लोग सलाह देने लगते हैं कि जिम जाओ। खूब खाओ। बॉडी बनाओ.. क्योंकि जब तक आप माचो मैन यानि मर्दाना नहीं लगेंगे, तब तक आप सही मायनों में मर्द नहीं हैं। जरूरी नहीं है कि हर लड़का बॉडी बनाना चाहता हो! जरूरी नहीं है कि हर लड़का माचो मैन टाइप दिखना चाहता हो... लेकिन वो ये बात किसी से कह नहीं सकता, क्योंकि 'उसे तो माचो मैन जैसा ही दिखना चाहिए!'

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5. क्या लड़कियों की तरह किचन में घुसे रहते हो!
 
सिर्फ लड़कियों को ही नहीं, लड़कों को भी घरवालों के लिए खाना बनाना अच्छा लग सकता है। उसे भी सुकून मिलता होगा, जब वो घर के कामों में मदद करके मां-बाप के चेहरे पर खुशी लाता होगा। घर में फूल-पौधे लगाना उसे पसंद होगा। छुट्टी पर पूरे दिन सिर्फ आराम करना भी उसे अच्छा लगता होगा, लेकिन अच्छा लगना और समाज को अच्छा दिखना... दोनों में बहुत फर्क है। 

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