मगरमच्छ से लेकर नन्हीं चिरैया तक, पीएम मोदी में कूट कूट कर भरी है दिलेरी, जानिए रोचक किस्से
पीएम मोदी साहसी भी हैं और होशियार भी। उनके अंदर दिलेरी भी है और जुगाड़ भी उन्हें आता है। ये किस्से बताएंगे उनकी खासियतें।
PM Modi Birthday भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी Narendra Modi का आज जन्मदिन हैं। भारत की छवि को विश्व समुदाय के बीच प्रभावी रूप से रखने में सफल हुए पीएम मोदी अपनी फिटनेस को लेकर दुनिया भर के बीच मिसाल बन चुके हैं लेकिन उनका एक और शौक है जिसे देखकर युवा तक अवाक रह जाते हैं। जी हां पीएम मोदी का एडवेंचर शौकीन होना भी लोगों के लिए हैरानी का विषय बन चुका है। मोदी को लेकर सुनाए जाने वाले किस्से बताते हैं कि वो साहसी हैं और दिलेर भी। होशियार भी हैं और कुछ नया करने के लिए तत्पर भी।
69 साल की उम्र में PM मोदी खुद को ऐसे रखते हैं फिट, जानें उनका वर्कआउट और डाइट प्लान
छह साल पहले जब मोदी पहली बार पीएम बने थे तब उनकी दिलेरी के किस्से खुब सुनाए गए थे। वो साहसी हैं और निर्भीक भी। वो नए की तलाश में रहते हैं और जीवन में निरंतर परिवर्तन चाहते हैं। उन्होंने बचपन से लेकर जवानी और पीएम बनने के बाद तक खूब एडवेंचर किए हैं, जिन्हें देखकर दूसरे राजनेताओं को भी हैरानी होती है। आइए ऐसे ही कुछ ए़डवेंचरस किस्सों की बात करते हैं।
मगरमच्छ के बच्चे को पकड़ा - साहस
बचपन में पीएम मोदी ने मगरमच्छ के बच्चे को पकड़ लिया था। ऐसी उम्र में जब बच्चे बिल्ली और कुत्ते तक से खौफ खा जाते हैं, नरेंद्र मोदी मगरमच्छ के बच्चे को पकड़ कर घर ले आए थे। बाद में मां के कहने पर उसे वापस वहीं छोड़ आए। उनका यह साहस ही उन्हें सार्वजनिक जीवन में कुछ कर गुजरने की ताकत देता है।
मामा के दिए जूतों को यूं चमकाया - होशियारी
कहते हैं कि गुजराती बहुत होशियार होते हैं। उनके सामने समस्या भी आकर घबराती है। कुछ ऐसे ही मोदी बचपन में थे। एक बार उनके मामा जी ने उन्हें सफेद जूते लाकर दिए। वो बहुत खुश हो गए लेकिन सफेद जूते जल्दी गंदे होते हैं और ये बात उन्हें परेशान करने लगी। घर के हालात ऐसे नहीं थे कि वो पॉलिश खरीद पाते। उन्होंने जुगाड़ निकाला और स्कूल खत्म होने के बाद क्लासरूम में बचने वाली चॉक को एकत्र कर घर ले आते और उसे जूतों पर लगाकर जूते सफेद कर लिया करते। उनकी ये होशियारी काम आई और उनके जूते चकाचक रहने लगे, बिना किसी पॉलिश के।
पंछी को बचाने के लिए दांव पर लगा दी जान - सेवा भाव
नरेंद्र मोदी बचपन से जानवरों के प्रति दया भाव रखते थे। उनके बारे में एक किस्सा मशहूर है कि जब वो स्कूली दिनों में एनसीसी की ट्रेनिंग ले रहे थे तो एक बार एक चिड़िया को बिजली के तारों में उलझा हुआ देखा। चिड़िया को बचाने के लिए वो बिना किसी की परवाह किए खंबे पर चढ़ गए। उनके शिक्षक गोवर्धनभाई पटेल ये देखकर बहुत नाराज हुए लेकिन बाद में बात जानने के बाद पटेल ने दूसरे कैडेट्स को मोदी का उदाहरण देकर कहा कि सेवा भाव इस तरह होना चाहिए।
हिमालय के जंगलों में प्रवास - नया करने की इच्छा
पीएम मोदी अपनी जवानी के दिनों में हिमालय के जंगलों में काफी समय तक रहे। उस उम्र में जब युवा अपने जीवन में बेहद रमे होते हैं, नाचने गाने औऱ मस्ती करने में समय गुजारते हैं, पीएम मोदी ने हिमालय में साधना की और खुद से पहचान की। पीएम मोदी का इतना फिट रहना औऱ खुद पर इतना विश्वास इसी कारण संभव हो पाया है कि वो जवानी के दिनों में हर कठिन परिस्थिति में रहने के आदी हो चुके हैं।
योग, शाकाहार और स्वच्छता - प्रेरणा बनना
पीएम मोदी ने अपने जीवन से दूसरों के लिए प्रेरणा का भाव पैदा किया है। वो शुद्ध शाकाहारी हैं और किसी भी दूसरे राजनेता से बहुत ज्यादा फिट हैं। मोदी योग करते हैं और उनकी दिनचर्या बेहद हैक्टिक होने के बावजूद वो थकते नहीं। ये बात भी जनता को योग के लिए प्रेरित करती है। मोदी के प्रयासों के चलते ही योग को विश्व में इतना बड़ा दर्जा मिल पाया। आजकल स्वच्छता के लिए पीएम मोदी का मिशन चल निकला है और जनता के बीच इस बात की मिसाल दी जा रही है कि मोदी के इस प्रयास को भी सफल करना है।