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Hindi News लाइफस्टाइल फैशन और सौंदर्य क्या होता है केराटोसिस पिलारिस जिसमें बिगड़ जाती है स्किन की कंडीशन, एक्सपर्ट से जानें कारण और बचाव के उपाय?

क्या होता है केराटोसिस पिलारिस जिसमें बिगड़ जाती है स्किन की कंडीशन, एक्सपर्ट से जानें कारण और बचाव के उपाय?

केराटोसिस पिलारिस में स्किन की कंडीशन खराब हो जाती है। हाथ और पैरों में कड़क दाने नुमा पैच आने लगते हैं। आम भाषा में इस स्थिति को चिकन स्किन भी कहा जाता है।

What is the main cause of keratosis pilaris?- India TV Hindi Image Source : SOCIAL What is the main cause of keratosis pilaris?

बदलती लाइफस्टाइल, बिगड़ा हुआ खानपान हमारी स्किन पर काफी बुरा प्रभाव डालता है जिसका हमे डेली सामना करना पड़ता है। डल और बेजान स्किन से चेहरे पर दाग और धब्बों की समस्या भी बढ़ जाती है। बता दें, इन्हीं स्किन समस्याओं में एक एक केराटोसिस पिलारिस भी है। अब आप सोच रहे होंगे ये कौन सी बीमारी है तो हम आपको बता दें केराटोसिस पिलारिस में स्किन की कंडीशन खराब हो जाती है। हाथ और पैरों में कड़क दाने नुमा पैच आने लगते हैं। आम भाषा में इस स्थिति को  चिकन स्किन भी कहा जाता है। होम्योपैथी डॉ. स्मिता भोईर ने अपने इंस्टाग्राम के ज़रिए यह बताया है कि केराटोसिस पिलारिस किन कारणों से होता हैं और इससे छुटकारा पाने के लिए क्या करना चाहिए?

क्या है केराटोसिस पिलारिस?

डॉ. स्मिता भोईर के अनुसार, केराटोसिस पिलारिस, जिसे चिकन स्किन या स्ट्रॉबेरी स्किन भी कहा जाता है यह एक स्किन की जुड़ कंडीशन है. इसमें स्किन पर छोटे-छोटे उभार दिखाई देते हैं। इस स्थिति में हाथ, पैर, पेट, पीठ और नितंब पर खुरदरे पैच और दाने दिखाई देते हैं जो हाथ लगाने पर काटें जैसे चुभते हैं। ये छोटे-छोटे धक्के बालों के रोम के चारों ओर केराटिन का संचय करते हैं।

केराटोसिस पिलारिस के कारण:

केराटोसिस पिलारिस आनुवंशिक होता है और पीढ़ी दर पीढ़ी चलता है। केराटोसिस पिलारिस एक्जिमा या डर्मेटाइटिस के कारण भी होता है। ड्राई स्किन केराटोसिस पिलारिस को बदतर बना सकती है। ड्राई स्किन पर पर शेविंग करने से कारण भी केराटोसिस पिलारिस हो सकता है। साथ ही घुलनशील विटामिन जैसे विटामिन ए और ई की कमी, पित्त का कम होना और इंसुलिन रेजिस्टेंट की वजह से भी लोग इस परेशानी की चपेट में आते हैं।

केराटोसिस पिलारिस से छुटकारा पाने के उपाय

  • रोज़ाना डाइट में हेल्दी फैट और विटामिन ए युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें जैसे- अंडे की जर्दी, कॉड लिवर ऑयल, लिवर, सैल्मन, मैकेरल। आप कॉड लिवर ऑयल कैप्सूल जैसे सप्लीमेंट भी ले सकते हैं - इसमें विटामिन ए और डी भरपूर मात्रा में होता है

  • डाइट में विटामिन ई से भरपूर खाद्य पदार्थ को शामिल करें जैसे- सूरजमुखी के शेड्स, बादाम, जैतून का तेल और पालक

  • अगर आपको पाचन संबंधी समस्या है या पित्त कम है तो डेली सेब के सिरके को पतला करके (1 गिलास पानी में 2 चम्मच) पिएँ। 

  • ग्लूटेन, दूध, प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ और रिफाइंड आटा को डाइट में शामिल करने से भी बचना चाहिए

  • नहाने के तुरंत बाद अपनी त्वचा में नमी बनाए रखने के लिए नॉन कॉमेडोजेनिक मॉइस्चराइज़र का उपयोग करें

 

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