नई दिल्ली: जब भी आप किसी कपड़े, जींस, या स्कर्ट में पॉकेट देखते हैं तो क्या सोचते हैं? दूसरा और सबसे महत्वपूर्ण सवाल आखिर क्यों लड़कों के जींस के पॉकेट, लड़कियों के जींस के पॉकेट से बड़े होते हैं? अगर आपने इन चीजों पर ध्यान नहीं दिया है तो आपको बता दें कि इसके पीछे का कारण। कई ट्रेलर से जब पूछा गया कि कपड़े में पॉकेट का रहना कितना जरूरी है तो उनके सवाल काफी दिलचस्प था। ट्रेलर के मुताबिक किसी भी कपड़े में पॉकेट का होना उसकी खूबसूरती और डिजाइन को ध्यान में रखकर बनाया जाता है, वहीं दूसरी तरफ जरूरत के हिसाब को ध्यान में रखकर भी कपड़े के अंदर पॉकेट लगाए जाते हैं। पॉकेट की बात करें तो एक दिलचस्प कहानी सामने आती है 15वीं शताब्दी के बाद से कपड़े में एक अलग से पॉकेट को जगह मिली। जी हां 15वीं शताब्दी के बाद से पैंट, जींस में के एक पाउच की तरह अलग से कपड़े में पॉकेट को जोड़े जाते थें। 18 वीं सेंचरी के बाद से ट्रेलर ने पॉकेट को ड्रेस का पार्ट बना दिया और ड्रेस के अंदर पॉकेट सिलना शुरू कर दिया। खासकर लड़को के पैंट में पॉकेट को जरूरत समझते हुए शामिल कर दी गई। आपको यह बात जानकर हैरानी होगी कि लड़कों के कपड़े जैसे जैकेट, पैंट, शर्ट में पॉकेट को महत्व देने के पीछे कई कारण थे। सबसे पहला कारण था पैंट-शर्ट में पॉकेट का रहना इसे पुरुष के मर्दानगी से जोड़ा गया क्योंकि पैंट के पॉकेट उनके हैंडसम हंक होेने का परिचय देने लगे।
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वहीं दूसरी तरफ औरतों के पैंट के पॉकेट को अभी भी पैंट के अंदर शामिल किया गया औुर उनका साइज छोटा रखा गया। लड़कियों के कपड़ों में पॉकेट के साइज को छोटा रखा गया साथ ही साथ इसे कपड़े के अंदर रखा गया वहीं मर्दों के कपड़ों में पॉकेट के साइज को बड़ा रखा गया और बाहर दिखाकर रखा गया ताकि फर्क पता चले। साथ ही साथ इस बात का बिल्कुल ध्यान रखा गया कि मर्द की पैंट, औरतों की पैंट से अलग हो।
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महिलाओं के जींस, स्कर्ट, में आज के फेमस ब्रेंड भी पॉकेट नहीं डालते ताकि उनके बॉडी का शेप अच्छे से उभर कर आए। दूसरा सबसे महत्वपूर्ण कारण यह भी था कि पुरुष अपने पैसे, जरूरत का सामान आज भी अपने पैंट के जेब में रखते हैं वहीं महिलाएं अक्सर हैंड बैग लेकर चलती हैं।
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