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Hindi News लाइफस्टाइल फैशन और सौंदर्य जानिए, पूजा-पाठ में दीपक जलानें का कारण

जानिए, पूजा-पाठ में दीपक जलानें का कारण

नई दिल्ली:  हिंदू धर्म में कोई भी कार्य किया जाए सबसे पहलें भगवान की अर्चना कर दीपक जलाने की परंपरा है। लेकिन यह क्यो जलाया जाता है। इस बात को बहुत ही कम लोग जानते

अयं कविकविषु प्रचेता मत्र्येप्वाग्निरमृतो नि धायि।
समानो अत्र जुहुर: स्हस्व: सदा त्व्सुमनस: स्याम।।

इसका मतलब है कि हे प्रकाश रूप परमात्मन। तुम अकवियों में कवि होकर, मृत्यों में अमृत बनकर निवास करते हो। हे प्रकाश स्वरूप तुमसे हमारा यह जीवन दुख न पाए हम हमेशा सुखी बने रहें।दीपक से हमें जीवन के उद्धर्वगामी होने, ऊंचा उठने और अंधकार को मिटा डालने की भी प्रेरणा मिलती है। इसके अलावा दीप ज्योति से पाप खत्म होते है।शत्रु का शमन होता है और आयु, आरोग्य, पुण्यमय, सुखमय जीवन में बढ़ोत्तरी होती है।

  • दीपक को सही दिशा में भी जलाना चाहिए। सम संख्या में जलाने से ऊर्जा संवहन निष्क्रिय हो जाता है, जबकि विषम संख्या में जलाने से सकारात्मक ऊर्जा का निर्माण होता है।
  • पश्चिम की ओर लौ रखने से दुख और दक्षिण की ओर लौ रखने से हानि होती है।

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