नई दिल्ली: दुनिया में सबसे बड़ा दर्जा एक मां का होता है पर इसका मतलब यह बिल्कुल भी नहीं है कि एक बच्चे को बड़ा और सभ्य बनाने में उसके पिता का कोई रोल नहीं होता। बच्चे को एक खरोच भी लग जाए तो जितना दर्द एक मां महसूस करती होगी उतना ही दर्द एक पिता भी महसूस करता है। वो अलग बात है एक पिता होने के नाते उसकी परवाह, उसके आंसू दिखते नहीं हैं। जल्द ही फादर्स डे आने वाला है। ऐसे में जानते हैं इस खास दिन की शुरुआत कैसे और कहां से हुई।
फादर्स डे हर साल दुनिया भर में सभी पिता को सम्मान देने के लिए जून के तीसरे रविवार को सेलिब्रेट किया जाता है। इस साल यह 16 जून को मनाया जाएगा। फादर्स डे सर्वप्रथम 19 जून 1910 को वाशिंगटन में मनाया गया। साल 2019 में फादर्स-डे के 109 साल पूरे हो गए। इसके पीछे भी एक रोचक कहानी है- सोनेरा डोड की।
सबसे पहला आधिकारिक फादर्स डे 19 जून, 1910 को वाशिंगटन के स्पोकेन शहर में मनाया गया। दरअसल सोनोरा की मां की मृत्यु के बाद उनके पिता ने ही अकेले रहकर उनकी अच्छे से परवरिश की। एक दिन सोनोरा के दिल में ख्याल आया कि मदर्स डे की तरह आखिर एक दिन पिता के नाम क्यों नहीं हो सकता? बस फिर क्या था अपने पिता को सम्मान देने के लिए सोनोरा ने 19 जून 1910 को पहली बार फादर्स डे मनाया।
इसके बाद साल 1916 में अमेरिकी राष्ट्रपति वुडरो विल्सन ने इस दिवस को मनाने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी। फिर 1924 में राष्ट्रपति कैल्विन कुलिज ने इसे राष्ट्रीय आयोजन घोषित किया।
इसके बाद 1966 में पहली बार राष्ट्रपति लिंडन जॉनसन ने इसे जून के तीसरे रविवार को मनाए जाने का फैसला किया। जो कि 1972 में राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन द्वारा नियमित अवकाश के रूप में घोषित किया गया।
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