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इस महीने होगा पूर्ण चांद पर दुर्लभ ग्रहण

वाशिंगटन: 30 साल बाद पहली बार दुनिया के ज्यादातर हिस्सों में लोग 27 सितंबर को सुपरमून का दीदार करेंगे। यह सुपरमून पूर्ण चंद्रग्रहण के साथ दिखाई देगा। यह पूर्ण ग्रहण 1 घंटे 12 मिनट तक

30 साल बाद इस महीने होगा...- India TV Hindi 30 साल बाद इस महीने होगा पूर्ण चांद पर दुर्लभ ग्रहण

वाशिंगटन: 30 साल बाद पहली बार दुनिया के ज्यादातर हिस्सों में लोग 27 सितंबर को सुपरमून का दीदार करेंगे। यह सुपरमून पूर्ण चंद्रग्रहण के साथ दिखाई देगा। यह पूर्ण ग्रहण 1 घंटे 12 मिनट तक रहेगा और उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका,यूरोप, अफ्रीका,पूर्वी पैसिफिक और दक्षिण एशिया के कुछ भागों में दिखाई देगा। पृथ्वी की छाया सुपरमून के प्रकाश को धीमे-धीमें ढकना शुरू करेगी, जिसकी शुरुआत रात 8.11(भारतीय समयानुसार 28 सितंबर सुबह 5.11 मिनट पर) पर होगी। पूर्ण चंद्रग्रहण की स्थिति में चंद्रमा एक घंटे से भी ज्यादा समय तक वास्तविकता से ज्यादा बड़ा दिखाई देगा।

नासा गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर, मैरीलेंड के डिप्टी प्रोजेक्ट वैज्ञानिक नोआह पेट्रो कहते हैं कि चूंकि चंद्रमा की ऑर्बिट एक पूर्ण घेरा नहीं है, इसलिए चंद्रमा अपने कक्ष में अन्य समय के तुलना में कुछ समय के लिए पृथ्वी के ज्यादा पास दिखाई देगा। अपने एक बयान में उन्होंने कहा कि जब चंद्रमा सबसे पास रहता है तब यह पेरिजी और जब सबसे दूर रहता है तब अपोजी कहलाता है। 27 सितंबर को हम पेरिजी का पूर्ण चंद्रमा देखेंगे जो कि सालभर का सबसे समीप का पूर्ण चंद्रमा होगा।

अपोजी की तुलना में पेरिजी में चंद्रमा पृथ्वी के 31,000 मील ज्यादा पास होता है। यह दूरी पृथ्वी की एक पूरी परिधि के बराबर ठहरती है। इसके मंडराने की क्षमता की वजह से अपोजी के पूर्ण चंद्रमा की तुलना में पेरिजी चंद्रमा 14 प्रतिशत ज्यादा बड़ा और 30 प्रतिशत ज्यादा चमकीला दिखाई देता है। जिसकी वजह से इसे सुपरमून कहा जाता है।

पेट्रो कहते हैं कि वास्तव में चंद्रमा में भौतिक रूप से कोई बदलाव नहीं आता है यह मात्र कुछ बड़ा दिखाई देता है। यह कोई नाटकीय घटनाक्र म नहीं है, लेकिन यह ज्यादा बड़ा दिखाई देता है। पेट्रो कहते हैं कि दुर्लभ होने के बावजूद यह क्षण ध्यान देने योग्य नहीं है।

पेट्रो मुंह दबाकर हंसते हुए कहते हैं, "चंद्रग्रहण के दौरान जो एक बड़ी घटना घटती है वो यह कि लोग अगली सुबह गर्दन में दर्द के साथ उठते हैं, क्योंकि वे रातभर चंद्रग्रहण देख रहे होते हैं।"

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