नई दिल्ली: भारत देश में भगवान कृषण का जन्मोत्सव बडे धूम-धाम से मनाया जाता है। जिसके लिए तैयारी जोरो-शोरों से चल रही है। इस बार जन्माष्टमी शनिवार 5 सितंबर को पूरी दुनिया में मनाई जाएगी। ज्योतिषीय गणना के अनुसार इस साल भगवान श्री कृष्ण 5,241 साल के हो जाएंगे। इस साल कुछ शुभ योग भी है। श्री कृष्ण जन्माष्टमी में इस बार 50 साल बाद 24 घंटे का रोहिण नक्षत्र लग रहा है जो बहुत ही शुभ माना जाता है। इसलिए यह योग अच्छें कामों .नि की खरीददारी ,पूजा-पाठ के लिए श्रेष्ठ है। यह योग अमृत सिद्धि का है। इश योग का जंयती योग कहते है। जानिए श्री कृष्ण जन्माष्टमी के दिन और क्या खास योग है।
ज्योतिषशास्त्री मानते हैं कि इन तीनों योगों का एक साथ होना बड़ा ही दुर्लभ होता है। इस बार भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव 5 सितंबर को मनाया जाएगा। दृश्य गणित के अनुसार आधी रात को 12:26 बजे से रोहिणी नक्षत्र और 3:56 बजे से अष्टमी तिथि शुरु होगी। रोहिणी नक्षत्र छह सितंबर आधी रात को 12:10 बजे तक और अष्टमी तिथि तड़के 3:02 बजे तक रहेगी। साथ ही भगवान श्रीकृष्ण के जन्म से ठीक पहले 11: 51 बजे पर चंद्रमा का उदय सोने पर सुहागा की तरह है।
इस बार की जन्माष्टमी की सबसे अच्छी बात यह है कि इस बार के योग द्वापर में श्रीकृष्ण जन्म के समय से मिल रहे हैं। भगवान सूर्य नारायण का दक्षिणायन होना, उत्तर गोल, वर्षा ऋतु, भाद्र पद, कृष्ण पक्ष अष्टमी, रोहिणी नक्षत्र, वृष राशि के चंद्रमा, जन्म के समय वृष लगन, सिंह राशि के सूर्य, कन्या राशि के राहु और मीन राशि के केतु का संयोग इस बार भी भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के समय का बन रहा है।
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