नई दिल्ली: आश्विन मास के शुक्ल पक्ष के नवरात्र की दशमी को दशहरे का पर्व मनाया जाता है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, माना जाता है कि इस दिन भगवान श्रीराम ने राक्षस रावण का वध किया था। दशहरा 22 अक्टूबर दिन गुरुवार को मनाया जाएगा।
रावण, भगवान श्रीराम, लक्ष्मण, सीता के जीवन के बारें में कई पौराणिक कथाएं आपने पुराणों में पढ़ी या सुनी होगी, लेकिन इन सभी पुराणों में सबसे अधिक महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण में लिखी बातों को सबसे ज्यादा महत्व दिया जाता है। इसके अनुसार ही हम रावण के चरित्र के बारें में जानते है।
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रामायण के अनुसार राक्षस राज भगवान राम ने रावण का वध कर खत्म किया। हम यह बात जानते हैं कि रावण के वध का कारण सीता मां का हरण था। इन्हीं कारणों से रावण को अपने पुत्रों, राज्य और जीवन के हाथ धोना पड़ा। लेकिन यह पूरा सत्य नही है। इसके पीछे और भी कारण है जो वाल्मीकि रामायण में बताया गया है।
माना जाता है कि रावण काफी बड़ा विद्वान था, लेकिन राक्षस प्रवृत्ति और अपनी शक्तियों पर घमंड हो जाने के कारण वह अत्याचार करनें लगा था। सभी को परेशान करने लगा था जिसके कारण महान ऋषियों ने उसे श्राप दे दिया जो उसकी मृत्यु का कारण बना। जानिए सीता हरण के आलावा किन कारणों से रावण की मृत्यु हुई।
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