दोष से बचनें के उपाय
यदि किसी नें भूलवश उस दिन देख लिया तो आप भाद्र शुक्ल पक्ष के शुरु के दिन से गोनें पक्षों के दिन व्रत रखें और सोने, चांदी या मिट्टी की गणेश की प्रतिमा बना कर असकी शास्त्रों के अनुसार पूजा कर तभी आप स दोष से मुक्त हो सकते है।
सबसे पहले इस व्रत को किसनें रखा
महाभारत में इस बात का वर्णन विस्तार से किया गया है उसमें बताया गया है कि सबसें पहले इस व्रत को श्री कृष्ण ने नारद जी के कहनें में किया जाता क्योंकि श्री कृष्ण के ऊपर मणि चोरी और हत्या का दोष आया था। इस व्रत को करके श्रा कृष्ण इस दोष से मुक्त हुए थे। नारद जी यह भी बताया था कि अस दिन व्रक करकें जो स्मंतक मणि और चंद्रमा के इस चरित्र के बारें में कथा सुनेगा। असको इस दोछ से मुक्ति मिल जाएगी। इसी तरह सुधिष्ठर नें भी इस व्रत को किया था और उन्हें बाद में अपना हारा हुआ राज्य प्राप्त किया था।
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